बहराइच : यूपी में इस बार के विधानसभा चुनाव भविष्य में एक और बात के लिए भी जाने जाएंगे और वह है नेताओं के भाषण में पशु-पक्षियों के नामों का जमकर इस्तेमाल. Rahul
गधा, कबूतर, शेर, चूहा… ऐसा क्या नहीं, जिसका नाम इन भाषणों में ना लिया जा रहा हो.
इसी कड़ी में शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी नाम जुड़ गया, जिन्होंने बहराइच में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘पूरा का पूरा पैसा नरेंद्र मोदी 50 लोगों को दे देते हैं.
फिर कहते हैं मेक इन इंडिया करूंगा. बड़ा सा बब्बर शेर बना देते हैं. टीवी पर आता है. चूहे जितनी आवाज नहीं होती उस बब्बर शेर में.’
वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अयोध्या में कहा, ‘हमने स्कूल में पढ़ा है कि क का मतलब कांग्रेस नहीं कबूतर होता है.
हम कबूतर उड़ाने की बात नहीं कर रहे. हम शांति के प्रतीक कबूतर की बात कर रहे हैं.’ बता दें कि अखिलेश ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कसाब का मतलब कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा (कसाब) बताया था.
उधर राहुल गांधी ने बहराइच के महसी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के शेर की आवाज को चूहे से भी कमजोर बताया.
राहुल के बयान से कुछ घंटे से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आजमगढ़ में कहा था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष अक्सर सवाल करते हैं कि मोदी सरकार ने अब तक देश के लिए किया क्या है.
तो इसका जवाब है- ‘राहुल बाबा, पहली चीज जो हमने की वह यह है कि ऐसा प्रधानमंत्री दिया जो बोलता है. तुमने ऐसा पीएम दिया था जो 10 साल तक कुछ नहीं बोला.
अगर बोला भी तुम्हें और तुम्हारी मां के सिवा किसी और ने नहीं सुना.’ अमित शाह के इसी बयान पर राहुल ने पलटवार में कहा कि इस तरह की पंचलाइन की उपयोगिता क्या है.
बता दें कि कुछ दिन पहले अखिलेश का ये बयान भी बहुत सुर्खियों में रहा था, जिसमें उन्होंने अभिनेता अमिताभ बच्चन से अपील की थी वह ऐड फिल्म में गुजरात के गधों का प्रचार नहीं करें.
दरअसल अमिताभ ने गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐड में वहां के दसाडा स्थित वाइल्ड ऐस सेंक्चुरी को प्रमोट किया था. अखिलेश के इस बयान पर दसाडा और आसपास के लोगों ने नाखुशी का इजहार किया था.
अखिलेश के बयान पर पीएम मोदी ने भी बहराइच की चुनावी सभा में प्रतिक्रिया दी थी. मोदी ने कहा था- ‘अगर दिल-दिमाग साफ हो तो किसी से भी प्ररेणा ले सकते हैं.
गधा अपने मालिक का वफादार होता है. कम खर्चे में पूरा काम करता है. गधा कितना भी बीमार हो, कितना भी थका हुआ हो, मालिक अगर काम लेता है तो बीमारी के बावजूद वह काम पूरा करता है.