स्मार्टफोन्स में नयी तकनीक है क्विक चार्ज की। क्विक चार्ज की खूबी है कि वो इस सीमा को बढ़ा देता है। इसलिए स्मार्टफोन जल्दी चार्ज हो सकते हैं। स्मार्टफोन का पावर मैनेजमेंट सर्किट उसे ज़्यादा बिजली लेने को तैयार कर देता है। दरअस्ल आप जब भी अपने स्मार्टफोन को बिजली के चार्जर से चार्ज करते है तो वह जल्दी चार्ज होता है, लेकिन लैपटॉप या कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट से कनेक्ट करने से चार्ज होने में उसे थोड़ा समय लगता है। लगभग सभी स्मार्टफोन में पावर मैनेजमेंट सर्किट बोर्ड होता है। ये तय करता है कि किसी भी समय बैटरी कितनी वॉट बिजली ले सकती है। जिन स्मार्टफोन में क्विक चार्ज नहीं है उनमें ये 10 वॉट तक सीमित है।
स्मार्टफोन में क्विक चार्जर आजकल आम बात है। बस जरूरत है तो इसके इस्तेमाल करने की। क्विक चार्ज के लिए तीन चीज़ें होना ज़रूरी है। पहली स्मार्टफोन या टैबलेट में क्विक चार्ज का सिस्टम, दूसरी एडाप्टर जो ऊंचे वोल्टेज का हो और तीसरी बढ़िया यूएसबी वाली तार होना जरूरी है। अगर स्मार्टफोन को क्विक चार्ज के लिए नहीं बनाया गया है तो उसे जल्दी नहीं चार्ज किया जा सकता है।
स्मार्टफोन की बैटरी अगर ख़त्म हो रही है तो क्विक चार्ज बहुत बढ़िया काम करेगा। लेकिन अगर करीब 60 फीसदी चार्ज पूरा हो गया, उसके बाद चार्जिंग की रफ़्तार कम हो जाती है। जल्दी चार्ज करने से स्मार्टफोन गर्म भी हो जाता है। इसलिए ऐसे सभी डिवाइस में एक सेंसर लगा होता है। चार्जिंग के समय अगर ये डिवाइस ज़्यादा गर्म हो जाते हैं तो क्विक चार्ज थोड़े समय के लिए बंद हो जाता है। यूएसबी चार्जर आजकल सभी स्मार्टफोन में काम करते हैं इसलिए ये चिंता करने की ज़रुरत नहीं है कि कौन सा चार्जर इस्तेमाल किया जा रहा है।