जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और वर्तमान कांग्रेस नेता को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस का टिकट मिला है। इसके पीछे की सियासत पर जो चर्चा है उसके मुताबिक़ भाजपा के मनोज तिवारी के के मुक़ाबले कन्हैया को लाकर कांग्रेस ने पूर्वांचल बनाम पूर्वांचल का माहौल बना दिया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट की इस पूर्वांचली बहुल इस सीट पर भाजपा के मनोज तिवारी को अब टक्कर देने के लिए कांग्रेस से कन्हैया ने कमान संभल ली है।
हालांकि कन्हैया कुमार बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से अपना चुनाव लड़ना चाहते थे मगर गठबंधन के समीकरणों के चलते वह सीट कांग्रेस के हिस्से में नहीं आ सकी। फिलहाल कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार लोकसभा चुनाव की इस पारी में राजधानी से किस्मत आज़मा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव : दिल्ली में मनोज तिवारी को चुनौती देंगे कन्हैया कुमार, कांग्रेस उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी
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— NDTV India (@ndtvindia) April 14, 2024
कन्हैया के अब तक के सफर पर एक नज़र डालें तो जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष को 8 साल पहले जेएनयू में लगे देश विरोधी नारों से सुर्खियां मिली।
कन्हैया को 2 मार्च 2016 को देशद्रोह के केस में हाईकोर्ट से बेल मिली और उस समय हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा रानी ने कहा था कि कन्हैया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। दिल्ली सरकार की मजिस्ट्रेट जांच में भी कन्हैया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने पर उन्हें क्लीन चिट दी गई थी।
वैसे तो शुरू से ही कन्हैया को जान से मरने की धमकी मिली मगर जेल से छूटने के बाद एक भाजपा नेता द्वारा यह बयान दिया गया कि उनकी जुबान काटने वाले को 5 लाख का इनाम जायेगा। इसके अलावा दिल्ली में पोस्टर लगे कि जो कन्हैया को मारेगा उसे 11 लाख का इनाम मिलेगा।
वर्ष 2018 में सीपीआई ने कन्हैया कुमार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सम्मिलित किया। और अगले वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें बेगूसराय सीट पर खड़ा किया, इस चुनाव में कन्हैया को भाजपा के गिरिराज सिंह ने शिकस्त दी थी।
कन्हैया के भाषण अपने पूरे जोश के साथ जारी थे जब 28 सितंबर 2021 को उन्होंने कांग्रेस पार्टी का साथ स्वाकार कर लिया।
वर्तमान में वह कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी भी हैं और उन्होंने Bihar to Tihar: My Political Journey नाम से एक किताब भी लिखी है।
अपनी वाक्पटुता और तेवर भी भाषणों के साथ कन्हैया की एक शानदार फॉलोइंग है। देश की राजनीति में राहुल के बेहद करीबी कन्हैया को कांग्रेस का युवा चेहरा माना जाता है।