श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों- पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग- पूरी तरह से अशांति का माहौल है। यहां प्रभावी पुलिस बल के मौजूद नहीं होने के कारण सैकड़ों और हजारों की तादाद में लोग प्रतिदिन ‘आजादी’ रैली निकालकर प्रदर्शन को जारी रखे हुए हैं। इन जिलों में कुल 36 थाने मौजूद हैं जिनमें से कुल तीन थाने ही काम कर पा रहे हैं। ये थाने पुलवामा, राजपुरा और अवंतीपुरा में हैं।
इस संबंध में कहा गया है कि जब भीड़ ने पुलिस थानों पर हमला करना शुरू कर दिया तो बाकी थानों से सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया जिससे थाने खाली हो गए। उग्र भीड़ ने कई थानों को आग के हवाले भी कर दिया था। पुलिस विभाग के सूत्रों की माने तो पुलिस विभाग ने ‘कुछ समय के लिए’ दर्जनों थानों को बंद करवा दिया था। ज्यादातर थाने अब खाली पड़े हैं जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना और सीआरपीएफ हवाले कर दी गई है। सीआरपीएफ के जवान भी दक्षिण कश्मीर में नजर नहीं आ रहे हैं। सीआरपीएफ के सूत्रों के हवाले से अखबार ने लि खा है कि उन्हें सड़क पर भारी भीड़ के दौरान मूक दर्शक बनने के निर्देश दिए गए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से अखबार ने छापा है कि त्राल से बड़ी संख्या में युवाओं ने आतंकवादी संगठनों का हाथ थाम लिया है। यहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों द्वारा नियोजित ट्रेनिंग कैंप चलाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही घाटी में अशांति फैली हुई है। बुरहान की मौत के बाद से जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक 67 लोगों की जान जा चुकी है। इस घटना के बाद से कल तक लगातार 45वें दिन भी कर्फ्यू जारी रहा।
थानों पर हमले की शुरुआत 12 जुलाई को हुई इस दिन भीड़ ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के दमहाल हांजीपुरा पुलिस थाने पर हमला करके 70 सेमी-ऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक राइफल लूट लिए। इतना ही नहीं उन्होंने दो पुलिसकर्मियों को बंधक भी बना लिया था। पुलिसकर्मियों को तो बाद में मुक्त करा लिया गया लेकिन बंदूकें बरामद नहीं हो पायीं। एक पुलिस अधिकारी आशा जताते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ये हथियार गलत हाथों में न जाये। अनंतनाग की एक ‘आजादी’ रैली में कुछ स्थानीय आतंकी हवा में राइफल लहराते नजर आए थे।’ सूत्रों के हवाले से छापा है कि उग्र भीड़ के डर से कई पुलिसकर्मियों ने सीआरपीएफ और सेना कैंपों में शरण ले ली है। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सेना के जवानों को पुलिस इमारतों को प्रदर्शनकारियों से बचाने की ड्यूटी दी गई है, वहीं सीआरपीएफ के जवानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ‘आजादी’ के नारे लगाती भीड़ से टकराव टालने के लिए गलियों में पैट्रोलिंग बिल्कुल न करें। बुरहान वानी के गृह नगर त्राल की पुलिस पोस्ट फिलहाल बंद है। इधर, बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें खुद को विरोध प्रदर्शन के नए नेता के तौर पेश किया जाना रास नहीं आ रहा है।