लंदन में किया गया एक नया शोध बताता है कि खून में मौजूद प्रोटीन 60 से अधिक बीमारियों के खतरे की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ये प्रोटीन सिग्नेचर, 67 विभिन्न बीमारियों की शुरुआत की भविष्यवाणी कर सकते हैं, जिनमें मल्टीपल मायलोमा, नॉन-हॉजकिन लिंफोमा, मोटर न्यूरॉन, पल्मोनरी फाइब्रोसिस और फैली हुई कार्डियोमायोपैथी शामिल हैं।
रिसर्चर का कहना है कि एक हालिया अध्ययन के नतीजे इस विषय में बड़े अच्छे संकेत देते हैं। शोध से हुए खुलासे में पता चला है कि खून की एक बूंद में मापे गए हजारों प्रोटीन कई अलग-अलग चिकित्सा स्थितियों की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं।
इस शोध में बीमारियों की एक विस्तृत श्रृंखला की भविष्यवाणी करने की नई संभावनाएं देखने को मिली हैं, जिसमें चिकित्सीय स्थितियां भी शामिल हैं और अभी तक जिनके निदान में महीनों और वर्षों का समय लग जाया करता है।
खून की एक बूंद में मापे गए हजारों प्रोटीन कई अलग-अलग चिकित्सा स्थितियों की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं।
इसे उदहारण के तौर पर ऐसे समझा जा सकता है कि जिस तरह से पुरानी परिस्थितियों में दिल के दौरे के निदान के लिए प्रोटीन मापना एक प्रभावी और मानक उपचार पद्धति है।
शोधकर्ताओं ने इसके लिए यूके बायोबैंक फार्मा प्रोटिओमिक्स प्रोजेक्ट के डेटा का उपयोग किया, जो अब तक का सबसे बड़ा प्रोटिओमिक्स अध्ययन है। इसके लिए 40,000 से अधिक यूके बायोबैंक प्रतिभागियों द्वारा लगभग 3,000 प्लाज्मा प्रोटीनों के सैंपल शामिल किये गए हैं।
22 जुलाई को नेचर मेडिसिन में प्रकाशित यह शोध, जीएसके, क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और जर्मनी के चारिटे यूनिवर्सिटी मेडिज़िन में बर्लिन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय शोध साझेदारी के हिस्से के रूप में किया गया था।