दिल की बीमारी अब पहले की तरह बड़ी उम्र वालों की समस्या नहीं रही। बीएचयू अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि दिल की बीमारी की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या में पिछले 12 वर्षों में 18 गुना वृद्धि हुई है।
इस साल विश्व हृदय दिवस 2023 की थीम है
‘Use Heart, Know Heart‘
हृदय रोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र भी जागरूकता फैलाने के हर संभव प्रयासों में जुटा है। इसी मक़सद से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड हार्ट डे को सेलिब्रेट करने के लिए एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। इस साल 2023 की थीम है ‘Use Heart, Know Heart’ और इस थीम को वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने सर्वसम्मति से घोषित किया है।
आंकड़े बताते हैं कि आज हार्ट अटैक से मरने वालों में हर दूसरे व्यक्ति की उम्र 50 साल से कम है।
हार्ट अटैक झेलने वाले हर तीसरे व्यक्ति की उम्र 40 वर्ष से कम है।
प्रत्येक चौथा मरीज प्रदूषण की वजह से दिल का रोगी बन रहा है।
इस सम्बन्ध में डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष दिल के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उससे ज़्यादा चिंता का कारण इसका कम उम्र होना है। जिस दिल की बीमारी की चपेट में पहले जहां 50 साल से ज़्यादा की उम्र वाले लोग आते थे, अब उसी बीमारी ने छोटे बच्चों को भी अपने शिकंजे में जकड़ लिया है।
World Heart Day 2023: कितना ब्लड प्रेशर होने पर बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, क्या इससे पहले शरीर में नजर आते हैं कुछ लक्षण? जानें कैसे रखें दिल की सेहत का ख्यालhttps://t.co/WM0s8onu4h
— Jansatta (@Jansatta) September 29, 2023
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष रहे एंटनी बेयस डी लूना ने वर्ष 1997 से 1999 तक सितंबर के अंतिम रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे के लिए चुना था। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों तथा दिल से जुड़ी बीमारियों को देखते हुए उन्होंने ही सबसे पहले वर्ल्ड हार्ट डे मनाने का विचार दिया था।
तत्पश्चात वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन तथा वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने संयुक्त रूप से इस दिन को मनाने की शुरुआत की। इस तरह पहला वर्ल्ड हार्ट डे साल 2000 में 24 सितंबर को मनाया गया था। बाद में इस तारीख को बदलकर 29 सितंबर कर दिया गया। तब से हर वर्ष 29 सितंबर का दिन वर्ल्ड हार्ड डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।
इसके कारणों को देखें तो शुगर और हाई ब्लड प्रेशर के साथ फॅमिली हिस्ट्री, बदलती जीवन शैली, शराब और व्यायाम न करना आदि इसके जनक हैं।
सामान्य तौर पर इसके लक्षण छाती में दर्द या जकड़न के अलावा सामान्य से धीमी या तेज धड़कन, चक्कर आना या बेहोशी, थकान और चलते-चलते पसीना आना हैं।
इससे एहतियात के लिए ज़रूरी है कि
- रोज़ाना कम से कम 45 मिनट तक योग या व्यायाम किया जाए।
- अच्छा रूटीन रखें। संतुलित भोजन लें।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
- 40 वर्ष के बाद नियमित चेकअप करवाएं।
- प्रदुषण से बचें।
- अच्छी नींद लें।
वोर्ल्ड हार्ट डे पर जागरुकता फैलाने के लिए इस बार भी कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कई जगहों पर कैंप लगाकर दिल की सेहत से जुड़ी जरूरी जांचें आदि की भी व्यवस्था की जाती हैं। इन आयोजनों के माध्यम से लोगों को दिल को सेहतमंद रखने के तरीके बताए जाते हैं