आज 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाए और प्रार्थना की।
देश के महापुरुषों को अपना श्रद्धाभाव अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के लिए मर मिटने वाले हज़ारों वीर सपूतों को याद किया और कहा कि देश उनका ऋणी है।
इस वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण जिन लोगों ने नुकसान उठाए हैं, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि यह देश संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ी हैं। इसमें कई लोगों ने अपना परिवार और संपत्ति खोई है और राष्ट्र ने भी नुक़सान झेला है।
प्रधानमंत्री ने महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे अपराध पर भी बात रखी। उन्होंने कहा इस विषय को गंभीरता से लिया जाना ज़रूरी है और दोषियों में डर पैदा करने की ज़रूरत है।
आगे उन्होंने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की जल्द से जल्द जाँच हो और राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द सज़ा हो, ये ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है लेकिन उनके साथ अत्याचार चिंता की बात है।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने मीडिया से कहा कि जब बलात्कार की घटनाएं होती हैं तो वो मीडिया में छाया रहता है लेकिन जब ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को सज़ा होती है तो वह ख़बर नहीं बनता। इस पर उन्होंने आगे कहा कि- ”मुझे लगता है कि समय आ गया है जब ऐसे कृत्य करने वालों की ख़बरें बनें। ये डर बनाना बहुत ज़रूरी है।”
लाल किले से अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा हों, महिला हों या आदिवासी हों सभी ने ग़ुलामी के ख़िलाफ़ जंग लड़ी है। इतिहास गवाह है कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम से पहले भी कई आदिवासी क्षेत्रों मे आज़ादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर ट्वीट के माध्यम से देशवासियों को अपनी शुभकामना भी दी। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं, जय हिंद।