प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय यूरोप में हैं। दो दिवसीय पोलैंड यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ट्रेन से यूक्रेन पहुंचेंगे। युद्धग्रस्त यूक्रेन की अपनी इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाक़ात करेंगे।
प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा और जेलेंस्की से मुलाक़ात के दौरान यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा होगी। ट्रेन के रास्ते पोलैंड से यूक्रेन की यात्रा को वैश्विक नेताओं के बीच एक कूटनीति के रूप में देखा जाता है। इस कूटनीति को ‘आयरन डिप्लोमेसी’ का नाम दिया गया है।
‘आयरन डिप्लोमेसी’ नाम यूक्रेनी रेलवे के सीईओ ओलेक्सांद्र कामिशिन ने दिया है। इस नीति के तहत नेता संघर्ष के मामले में, शांति पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन के साथ समर्थन दिखाते हैं।
युद्ध के समय हवाई क्षेत्र बंद होने की दशा में आयरन डिप्लोमेसी के तहत वैश्विक नेता कीव पहुंचने के लिए भूमि मार्ग अपनाते हैं।
पोलैंड यात्रा की समाप्ति के बाद अब प्रधानमंत्री दस घंटे का सफर करके यूक्रेन पहुंच चुके हैं। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ वार्ता में यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कीव यात्रा से पहले पोलैंड में भारतीय मूल के लोगों से मुलाक़ात की और सितंबर 2022 के दिए अपने बयान को की याद दिलाते हुए इसे दुहराया- ‘यह युद्ध का युग नहीं है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यूक्रेन यात्रा को महत्वपूर्ण बतया है। बताते चलें कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की यह यात्रा करीब तीन दशक पहले दोनों देशों के मध्य राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद की पहली यात्रा है।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी, 2022 से युद्ध जारी है। युद्ध शुरू होने के बाद पोलैंड, चेक रिपब्लिक तथा स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री 15 मार्च को यूक्रेन का दौरा करने वाले पहले पश्चिमी नेता थे।
इसके बाद भी कई वैश्विक नेताओं ने यहाँ का दौरा किया। इस सफर के लिए अमरीका सहित फ्रांस, इटली, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन देशों के नेता ट्रेन के रास्ते कीव पहुंचे हैं।