फ़्रान्स के राष्ट्रपति ने देश में जनता के बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री एडवर्ड फ़िलिप को आदेश दिया है कि वे विरोधियों के नेताओं से वार्ता करें।
एमानोएल मैक्रां ने पिछले हफ़्ते कहा था कि उन्होंने विरोधियों की आवाज़ सुन ली है लेकिन वे अपने फ़ैसले से पीछे नहीं हटेंगे। पूंजीवाद विरोधी आंदोलन की ओर से पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगाने से बढ़ी महंगाई के विरोध में फ़्रान्स में शनिवार से हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। बढ़ते विरोध प्रदर्शन के चलते राष्ट्रपति भवन में मैक्रां की उपस्थिति में एक आपात बैठक हुई जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को विरोधियों के नेताओं से बात करने का आदेश दिया।
इससे पहले मैक्रां ने कहा था कि सभी हिंसक क़दमों का क़ानूनी जवाब दिया जाएगा। इस प्रकार की अटकलें भी लगाई जा रही थीं कि देश में बढ़ती हिंसा व अराजकता के कारण राष्ट्रपति मैक्रां इमरजेंसी भी लगा सकते हैं।
ज्ञात रहे कि लगभग तीन हफ़्ते पहले मैक्रां सरकार की आर्थिक नीतियों व क्रियाकलाप के विरुद्ध “यलो जैकेट्स” के नाम से पूंजीवादी व्यवस्था के ख़िलाफ़ काम करने वालों ने आंदोलन शुरू किया था। यह विरोध पेट्रोल-डीज़ल के मूल्यों में वृद्धि के बाद हिंसक प्रदर्शनों के रूप में पूरे फ़्रान्स में फैल गया। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार अब तक इन प्रदर्शनों में कम से कम तीन लोग मारे जा चुके हैं जबकि से अधिक घायल हुए हैं जिनमें 23 पुलिसकर्मी हैं