कुंभ नगर। अध्यात्म, संस्कृति और श्रद्धा के बेजोड़ संगम कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर दूसरा शाही स्नान सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामों के बीच ब्रह्म मुहूर्त में पारंपरिक अंदाज में शुरू हो गया। देर शाम से संगम की विस्तीर्ण रेती पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला रात होते होते जनसैलाब में तब्दील हो गया। हर हर गंगे के गगनभेदी उदघोष के साथ मीलों की पदयात्रा कर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने रविवार रात 11.25 बजे से आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी थी।
करीब 3200 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले मेला क्षेत्र में जिधर नजर घुमाओ, वहां श्रद्धालुओं का हुजूम नजर आ रहा है। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर तैनात सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी के साथ भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे दिखाई दे रहे हैं। पुलिस के जवानों की मदद के लिए आरपीएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबी समेत अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां मुस्तैदी के साथ अपने काम को अंजाम देने में जुटी हुई हैं।
कुंभ के दूसरे शाही स्नान पर्व की शुरूआत परम्परा के मुताबिक श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा ने की। इसके साथ श्री पंचायती अटल अखाड़ा ने भी संगम में डुबकी लगाई। दोनों अखाड़े सेक्टर 16 स्थित शिविर से तड़के 5.15 बजे शाही जुलूस के साथ निकले। भोर 6.15 बजे पहला शाही स्नान महानिर्वाणी अखाड़े ने किया। उसके साथ अटल अखाड़ा भी था।
बाद में सुबह सात बजकर पांच मिनट पर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनन्द अखाड़ा ने शाही स्नान किया। आठ बजे श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा ने एकसाथ शाही स्नान किया।
इसके बाद बैरागी अखाड़ों के शाही स्नान का क्रम शुरु होगा। इसमें सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 10.40 बजे शाही स्नान करेगा। उसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा 11.20 बजे और अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनी अखाड़ा 12.20 बजे शाही स्नान करेगा।
उदासीन अखाड़े सबसे अंत में स्नान करने आएंगे। इसमें सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन 1.15 बजे, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन 2.20 बजे और श्री पंचायती अखाड़ा निर्मला 3.40 बजे शाही स्नान करेगा जबकि प्रशासन से हुई बातचीत के बाद अखाड़ों ने शाही स्नान के जुलूस में बड़े वाहन न ले जाने पर सहमति भी दे दी है।