नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से ईरान के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से अन्तरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑइल की कीमतों में आग लग गई है। साथ ही रुपए की कीमत डॉलर की तुलना में कमजोर होने से भारत में पेट्रोल-डीजल के कीमत में वृद्धि हो सकती है।
गत एक महीने से क्रूड ऑयल की कीमतों में थोड़ी कमी जरूर आई है। ऑयल कम्पनियों ने गत छह दिनों से पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं कर रही हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में 3 डॉलर प्रति बैरल बढ़ गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, माना जा रहा है कि अमेरिका की ओर से ईरान पर लगाए जाने प्रतिबंधों की वजह से ट्रेडर्स को बाजार में ऑयल की कमी आ रही है। इसलिए 21 जून से अभी तक क्रूड ऑइल की कीमत बढक़र 79.5 डॉलर पर जा पहुंची है।
इरान को छोडक़र अन्य देशों ने हाल ही में प्रतिदिन 10 लाख बैरल ज्यादा ऑइल निर्यात करने की घोषणा की थी, लेकिन इतने कम मात्र से तेल की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। इसका यह प्रभाव पड़ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
ऑयल की लगातार मांग की वजह से रूस और सऊदी अरब देश, ऑयल उत्पादन करने वाले प्रमुख देशों की ओर से निर्यात पर बनावटी प्रतिबंध और वेनेजुएला के ऑयल के उत्पादन में लगातार गिरावट होने की वजह से इस वर्ष तेल के दाम लगातार बढ़े हुए हैं।
दूसरी ओर भारत में रुपए लगातार कमजोर होने की वजह से तेलों की बढ़ते दामों ने भारतीय अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाना प्रारंभ कर दिया है। गत सप्ताह का आकलन करे तो डॉलर के मुकाबले में रुपया 69 रुपए से नीचे आ गया, जो अभी तक सबसे नीचा स्तर है।
इसकी वजह से देश का आयात बिल बढ़ सकता है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का करीब 83 प्रतिशत क्रूड ऑइल आयात करता है।