क़तर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा दिए जाने के बाद दायर की गई याचिका को कतर अदालत ने स्वीकार कर लिया है।
इन आठ पूर्व भारतीय अफसरों को कतर में फांसी की सजा सुनाई गई है। याचिका स्वीकार होने के बाद कतर की अदालत जल्द ही इस मामले पर सुनवाई कर सकती है।
नौसेना के इन आठ पूर्व नेवी अफसरों की मौत की सजा के खिलाफ भारत सरकार द्वारा दायर याचिका को कतर की अदालत ने 23 नवंबर 2023 को स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के ये पूर्व अफसर कतर में देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी के लिए काम कर रहे थे। यहाँ अगस्त 2022 में इन आठ अफसरों को गिरफ्तार किया गया। कतर के मीडिया के मुताबिक़ भारतीय अधिकारी इस्राइल के लिए जासूसी कर रहे थे।
8 पूर्व-नेवी अधिकारियों को मौत की सजा के खिलाफ कतर की अदालत ने भारत की अपील स्वीकार की#DeathPenalty #Qatar https://t.co/N9qJDF46Sm
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) November 24, 2023
कतर सरकार द्वारा इन गिरफ्तार अफसरों को 26 अक्तूबर 2023 को कतर की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। क़तर की अदालत ने जिन आठ पूर्व अफसरों को फांसी की सजा दी है उनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश शामिल हैं।
बताते चलें कि देहरा ग्लोबल नाम की जिस कम्पनी के लिए ये भारतीय काम करते थे, उसके सीईओ खामिल अल आजमी ओमान एयरफोर्स के अफसर रह चुके हैं। आजमी को भी इन सभी के साथ हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।