नई दिल्ली : नोटबंदी की 50 दिन की अवधि के दौरान किसी तरह के लोन या क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिए दी गई 2 लाख रुपये की नकद राशि को अब नए एक पेज के आयकर रिटन फॉर्म में दिखाना होगा. Payment
आयकर विभाग ने कुछ दिन पहले नए आयकर रिटर्न फॉर्म अधिसूचित किए थे.
यह फॉर्म आकलन वर्ष 2017-18 वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जारी किया गया है.
नए फॉर्म में आय, छूट और अदा किए गए कर की जानकारी देने के अलावा एक नया खंड है.
इसमें नोटबंदी की 50 दिन की अवधि के दौरान दो लाख रुपये से अधिक की किसी तरह की बैंक जमा करने की भी जानकारी देनी होंगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां एजेंसी को बताया है कि इस खंड का उपयोग नोटबंदी के दौरान रिण या क्रेडिट कार्ड बिल के लिए किए गए दो लाख रुपये से अधिक के नकद भुगतान की जानकारी देने के लिए भी किया जाएगा.
ये सभी कदम डिपार्टमेंट के ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के तहत उठाया जा रहा है. इस चरण को इस महीने के आखिर तक पूरी तरह अमल में लाया जाएगा और इसमें ऐसे टैक्स चुकानों वालों पर शिकंजा कसेगा जिन्होंने 31 मार्च तक अघोषित संपति को सार्वजनिक नहीं किया है.
इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने करीब 18 लाख नोटिस भेजे थे. ये सभी नोटिस नोटबंदी के बाद जमा किये गए कैश से जुड़े थे. गौरतलब है कि इससे पहले विभाग ने अघोषित आय और नोटबंदी के बाद जमा रकम की घोषणा के लिए 31 मार्च की डेडलाइन रखी थी.
इससे पहले देश में 2 लाख रुपये से अधिक कैश लेनदेन पर पाबंदी लगा दी गई थी. इस पाबंदी के बाद देश में किसी भी खरीदारी में 2 लाख रुपये से अधिक कैश का इस्तेमाल गैरकानूनी है और इसके लिए सरकार को 100 फीसदी जुर्माना अदा करना होगा.
केन्द्र सरकार ने फाइनेंस बिल में प्रस्ताव कर पारित करा लिया था कि 3 लाख रुपये कैश लेनदेन की लिमिट को कम करके 2 लाख रुपये कर दिया जाए. लिहाजा 2 लाख रुपये से अधिक कैश लेनदेन करते हुए पकड़े जाने पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा.
केन्द्र सरकार के मुताबिक यह जुर्माना 2 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन वाली रकम के बराबर होगा. यानी किसी खरीदारी में 2 लाख रुपये से ऊपर लगी कैश रकम के बराबर जुर्माना देना होगा.