पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पर्धानमंत्री नवाज़ शरीफ़ उनकी बेटी मरयम नवाज़ तथा दामाद कैप्टन मुहम्मद सफ़दर की सज़ा स्थगित करने के इस्लामाबाद हाई कोर्ड के फ़ैसले को ख़ारिज कर दिया है।
चीफ़ जस्टिस साक़िब निसार ने सज़ा स्थगित करने के हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ नेशनल एकाउंटेब्लिटी ब्योरो की याचिका की सुनवाई करते हुए रिमार्क्स दिए कि हाई कोर्ट ज़मानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कैसे कह सकता है कि इस मुक़द्दमे के सुबूतों में ख़ामियां हैं।
चीफ़ जस्टिस साक़िब निसार ने कहा कि पैसे कोई पेड़ों में तो नहीं लटके थे कि उन्हें तोड़ लिया गया हो। चीफ़ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि क्योंकि इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले को निलंबित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को पूर्व प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ फ़ैसला यहीं करना चाहिए था और इस मुक़द्दमे को ट्रायल कोर्ट में नहीं भेजना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट के इस रुख़ को देखते हुए लगता है कि नवाज़ शरीफ़ उनकी बेटी और दामाद की मुशकिलें बढ़ सकती हैं।