नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा और पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से कहा कि उनके आदेशों का पालन करने के बाद भी उन्हें विलेन के तौर पर पेश किया जा रहा है। शिवपाल पार्टी प्रमुख मुलायम के छोटे भाई हैं। उन्होंने बुधवार को दिल्ली में मुलायम से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। दोनों की बैठक चार घंटे से भी ज्यादा देर तक चली और इसमें शिवपाल ने मुलायम से कहा कि पिछले साढ़े चार साल में विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद उन्होंने पार्टी प्रमुख के निर्देशों का पालन किया।
शिवपाल के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने उदाहरण दिया कि अखिलेश यादव सरकार में वरिष्ठ मंत्री के रूप में उन्होंने अखिलेश या मुलायम द्वारा लिए गए निर्णयों का कभी सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं किया हालांकि उन्होंने उनसे निजी मुलाकात में मतभेदों का जिक्र किया।
शिवपाल ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में इन अटकलों को खारिज कर दिया कि पार्टी के अंदर और यादव परिवार में कोई मतभेद है। उन्होंने कहा कि ‘न तो मैं और न ही नेताजी नाराज हैं। हम सब खुश हैं।।कोई मतभेद नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट विभागों का फैसला मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। लेकिन नेताजी ने मुझे पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है। मेरी जिम्मेदारी अगले चुनाव में सपा को सत्ता में वापस लाना है। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी करूंगा।।मैं इस्तीफा नहीं दूंगा।।मैं अब भी कैबिनेट में शामिल हूं।’ शिवपाल ने कहा कि अमर सिंह को सपा में फिर से शामिल कि जाने से लेकर महागठबंधन के साथ प्रयोग तक उन्होंने हमेशा मुलायम के निर्देशों का पालन किया है फिर भी उन्हें विलेन बताया जा रहा है। यादव बंधुओं की मुलाकात जारी रहने के बीच ही राज्यसभा सदस्य और मीडिया हस्ती सुभाष चंद्रा भी मुलायम के आवास पर पहुंचे और वहां करीब दो घंटा रहे।
यादव परिवार की ये कलह अब आग में तब्दील हो गयी है। मुलायम सिंह परेशान हैं कि एक तरफ बेटा अखिलेश है तो दूसरी तरफ सगे भाई शिवपाल। रही सही कसर अखिलेश ने ये कह कर पूरी कर दी परिवार में बाहरी लोग झगड़ा करा रहे हैं। अखिलेश ने इस बाहरी हस्तक्षेप का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका ये बयान सिर्फ एक शख्स की ओर इशारा कर रहा है। जिसे अखिलेश अंकल बुलाते हैं। तो क्या मुलायम सिंह यादव के परिवार में अखिलेश के इन्हीं अंकल ने आग लगायी?
माना तो यही जा रहा है कि जिस बाहरी हस्तक्षेप की बात अखिलेश कह रहे थे।। वो असल में अमर सिंह ही हैं। अमर सिंह कभी मुलायम सिंह का दाहिना हाथ हुआ करते थे पर पार्टी से नाता टूटा तो उनका राजनैतिक करियर भी खत्म हो गया। दोबारा समाजावादी पार्टी में शामिल कराने और राज्यसभा सांसद बनवाने में अखिलेश के चाचा शिवपाल का बड़ा हाथ रहा। हालांकि अमर सिंह इससे साफ इंकार रहे हैं कि अखिलेश ने उन्हें ही बाहरी करार दिया है। अखिलेश ने बाहरी शख्स का शिगूफा छोड़कर दो तरह की रणनीति अपनाई है। एक शिवपाल जो कर रहे है वो बाहरी शख्स के इशारे पर हो रहा है इसमें मुख्यमंत्री की भूमिका साफ नहीं है दूसरी तरफ ये संकेत दे रहे हैं सपा मुखिया उस बाहरी शख्स को दंडित करे जो परिवार में जहर फैला रहा है।
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