लखनऊ स्थित सांस्कृतिक विरासतों की पवित्रता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए विधिवेत्ता एवं समाजसेवी मोहम्मद हैदर रिज़वी लखनऊ के वरिष्ठ धर्मगुरुओं, इमामें जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद, मौलाना आगा रुही, मौलाना सैफ अब्बास, मौलाना अब्बास इरशाद, मौलाना यासूब अब्बास, एवं मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी सहित अन्य वरिष्ठ धर्मगुरुओं, इतिहासकार रौशन तकी, रवि भट्ट सहित लखनऊ के दर्जनों छात्रों, समाज सेवियों, पत्रकारों, अध्यापकों इत्यादि की अगुवाई में लखनऊ की सांस्कृतिक विरासतों के रख-रखाव के लिये संघर्षरत समाजसेवी एवं विधिवेत्ता मोहम्मद हैदर रिज़वी ने एक विस्तृत प्रत्यावेदन दिनांकित 06.06.2019 के माध्यम से प्रधान मंत्री भारत गणराज्य सहित नौ अन्य पदाधिकारियों को एक मांग पत्र प्रेषित किया
जिसमें भारत सरकार के संस्कृति विभाग के वरिष्ठतम अधिकारीगण, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारतीय पुरातत्व सर्वे के महा निदेशक एवं अधीक्षक पुरातत्वविद्, जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का ध्यानाकर्षण करते हुए लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहरों के दुरुपयोग एवं उनके धार्मिक महत्व के दृष्टिगत उक्त स्मारकों मुख्य रुप से बड़े इमामबाड़े लखनऊ में हो रही फिल्मों की शूटिंग एवं अश्लीलता के विरुद्ध संज्ञान लेकर केन्द्रीय पुरातत्व नियमावली आदि का अक्षरशः पालन किये जाने, इन स्मारकों के पावित्रत्य के दृष्टिगत चित्रांकन/फिल्मांकन पर प्रतिबन्ध लगाये जाने सहित अन्य महत्वपूर्ण मांगे भारत सरकार तथा हुसैनाबाद ट्रस्ट से की गई।
उक्त प्रत्यावेदन को उपरोक्त धर्मगुरुओं, इतिहासकारों एवं लखनऊ के प्रबुद्ध वर्ग द्वारा हस्ताक्षरित कर इस विश्वास से प्रेषित किया है कि इस प्रकरण में सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कर इन धार्मिक स्थलों की शुचिता बरकरार रखने हेतु मूर्त कदम उठाये जायेगें।
यह पहला अवसर है जब समस्त शिया धर्मगुरु एक मंच पर आकर इस मांग को प्रमुखता से रख रहे हैं। इस संबंध में श्री मोहम्मद हैदर रिजवी जिन्होंने पूर्व में भी सांस्कृतिक विरासतां के रख-रखाव एवं अतिक्रमण मुक्ति हेतु मा0 उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर सिब्तैनाबाद इमामबाड़े के जीर्णोद्वार सहित दर्जनों अन्य स्मारकों के रख-रखाव को सुनिश्चित करवाया है, ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि प्रकरण की संवेदनशीलता के दृष्टिगत प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश इस संबंध में विशेष रुचि लेकर सुधारात्मक कार्यवाही की अनुशंसा करेगी जिससे इन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सांस्कृति विरासतां की शुचिता अक्षुण्ण रह सकेगी।
प्रत्यावेदन की प्रमुख मांगें इमामबाड़ों में आने वाले सैलानियों से यथोचित वस्त्रां को धारित करना, इमामबाड़े की शुचिता हेतु सर ढकना, ट्रस्ट के द्वारा महिला गाईड़ों की नियुक्ति, भारतीय पुरातत्व सर्वे से अनुमति प्राप्त कर सुरक्षा कैमरे लगाये जाना एवं पुरातात्विक नियमावली का अक्षरशः पालन किया जाना है।