यात्रा को सुलभ और बेहतर बनाने के उद्देश्य से रेलवे वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहा है। लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी की किल्लत से बचने के लिए रेलवे ने इस सिस्टम को अपनाने का फैसला लिया है।
यह सिस्टम लगने से यात्रा के दौरान ट्रेन की टंकी में पानी खत्म होने से पहले ही पता चल जाएगा। इसकी सूचना लोको पायलट, ट्रेन कैप्टन और अगले स्टेशन के अधिकारियों को मिल जाएगी और अगले स्टेशन पर ट्रेन में पानी भर दिया जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रेलवे ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस ट्रेन में वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी लगाने जा रहा है। बाद में इसे अन्य ट्रेनों में भी शुरू किया जाएगा।
देशभर में प्रतिदिन लाखों यात्री 12 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुँचते हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी खत्म होने की शिकायतें आम बात हैं। ऐसे में यात्रियों द्वारा ट्रेन के स्टाफ को सूचित करने के घंटों बाद ट्रेन में पानी भर पाता है।
रेल यात्रियों को अब इस परेशानी से छुटकारा मिल सकेगा और पानी खत्म होने से पहले ही ट्रेन की टंकी भर जाएगी। जीपीएस व अत्याधुनिक सेंसर से लैस यह सिस्टम ट्रेन के कोच में पानी खत्म होने से पहले ही आने वाले स्टेशन को सूचना दे देगा।
इस प्रक्रिया की उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गई है। सूचना मिलने के बाद काम न होने की दशा में अथवा लापरवाही करने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
इस सिस्टम को प्रोग्राम करने के लिए रियल टाइम डेटा लॉगिंग और स्टोरेज की भी सुविधा है। डेटा को हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर के माध्यम से कैप्चर व ट्रांसमिट किया जा सकेगा। यह सिस्टम शून्य डिग्री से 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम कर सकेगा।