भारत और न्यूजीलैंड ने वेलिंग्टन में 5वां एफओसी यानी विदेश कार्यालय परामर्शआयोजित किया। इसमें दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की।
इस समय न्यूज़ीलैंड में 1.75 लाख आबादी उन भारतीय लोगों की है जिन्होंने न्यूजीलैंड को अपना स्थायी घर बना लिया है।
इस समय न्यूज़ीलैंड में 1.75 लाख आबादी उन भारतीय लोगों की है जिन्होंने न्यूजीलैंड को अपना स्थायी घर बना लिया है। न्यूजीलैंड का मानना है कि 2011 में भारत के लिए द्वार खोलो नीति की शुरुआत काफी सफल रही है। संबंधों को मज़बूती देते हुए न्यूजीलैंड भारत के साथ राजनीतिक, व्यापारिक, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान सहित तकनीक और हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को राज़ी है।
भारत के विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव सौरभ कुमार और न्यूजीलैंड के अमेरिका और एशिया समूह के उप सचिव डेबोरा गिल्स की सह-अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में गति को और बढ़ाने की जरूरत पर ध्यान दिया।
वैश्विक मसलों पर परस्पर हितों की चर्चा के साथ दोनों देशों ने परस्पर भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही विदेश मंत्रालय ने राजनीतिक, आर्थिक और व्यापार सहयोग, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित लोगों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक सहयोग को अगले स्तर पर ले जाने पर भी सहमति जताई है।
India and New Zealand hold 5th Foreign Office Consultations in Wellington
"The two sides expressed satisfaction at the enhanced engagement between the two countries. They reviewed their wide ranging bilateral relations including political, economic & trade cooperation, defence… pic.twitter.com/lR2sxydzGB
— ANI (@ANI) August 19, 2023
दोनों देशों ने व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में अपार संभावनाओं पर जोर दिया। साथ ही जी-20, हिंद-प्रशांत आसियान, राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे के सहयोग का संकल्प लिया।
आतंकवाद और प्रवासी समस्याओं पर भी दोनों देशों ने चर्चा की। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों ने वैश्विक शांति के लिए निरस्त्रीकरण, उत्तर-दक्षिण वार्ता, मानवाधिकार, पारिस्थितिक संरक्षण और युद्ध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।