इजराइल ने लेबनान में 17 सितंबर को हिजबुल्लाह में बर्स के पेजर द्वारा सीरियल ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली है। इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वीकार किया है कि हसन नसरल्लाह की मौत और इस साल सितंबर में लेबनान में पेजर हमले इजरायल द्वारा किए गए थे।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रविवार को माना कि उन्होंने ही इजराइल की सुरक्षा को लेकर हमले की मंजूरी दी थी। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंजामिन नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक में स्वीकार किया कि हिजबुल्लाह पर पेजर और वॉकी-टॉकी हमलों के पीछे उनका हाथ था।
नेतन्याहू ने कहा कि पेजर और हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की की मौत रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के विरोध के बावजूद की गई और इसके लिए जिम्मेदार लोग राजनीतिक क्षेत्र में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने इस बात को स्वीकार करते हुए इजरायल के सैन्य और खुफिया प्रमुखों के साथ-साथ हाल ही में हटाए गए रक्षा मंत्री यवेस गैलेंट की भी आलोचना नहीं की।
गौरतलब है कि 17 सितंबर को पेजर धमाकों और 18 सितंबर को वॉकी-टॉकी हमले में हिजबुल्लाह से जुड़े करीब 40 लोग मारे गए थे। तीन हजार से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे।
नेतन्याहू ने 27 सितंबर को यूएन में भाषण देने के बाद अपने होटल के कमरे से लेबनान में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमले की इजाजत दी थी। इसके 20 घंटे बाद हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की थी।
हिजबुल्लाह ने 28 सितंबर को पुष्टि की थी कि हसन नसरल्लाह की एक दिन पहले हुए हमले में मौत हो गई थी और एक दिन बाद उनका शव नष्ट हुई इमारत के मलबे से बरामद किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंधाधुंध इजरायली बमबारी के बावजूद, हसन नसरल्लाह के शरीर पर किसी बड़ी चोट का कोई निशान नहीं था, जिससे पता चलता है कि विस्फोट के कारण उनकी मौत हो गई थी।
इज़राइल ने दावा किया कि हसन नसरल्लाह को हिज़्बुल्लाह के भूमिगत मुख्यालय में बंकर-बस्टर बमों से निशाना बनाया गया, जिसमें उनके सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी कमांडर अली किर्क की भी मौत हो गई।
बाद में हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार हाशिम सफीउद्दीन को भी इजरायल ने एक हमले में ख़त्म कर दिया और उसके बाद अंतरिम प्रमुख कासिम नईम को संगठन का नया प्रमुख चुना गया।
लेबनान के ताकतवर ग्रुप हिजबुल्लाह शब्द का अर्थ पार्टी ऑफ गॉड है। यह संगठन स्वयं को शिया इस्लामिक पॉलिटिकिल, मिलिट्री और सोशल आर्गनाइजेशन कहता है। अमरीका और कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है।
हिजबुल्लाह की बुनियाद 1980 की शुरुआत में लेबनान पर इजराइल के कब्जे के दौरान पड़ी थी। लेबनान में इस्लाम की वापसी के दौरान 1960-70 के दशक में इस ग्रुप ने धीरे-धीरे जड़ें जमानी शुरू कर दी थीं।