सहकारिता मंत्रालय में बुधवार को ‘राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड’ (एनसीओएल) की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश की सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को ऑर्गेनिक मिशन से जोड़ने का आदेश दिया।
अमित शाह ने ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने की बात कही। उन्होंने ऑर्गेनिक उत्पादों के स्रोतों की पहचान और इनकी शुद्धता सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाने की बात कही, जिससे किसानों को ऑर्गेनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरणा मिले।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसानों को उनके ऑर्गेनिक उत्पादों को उनके ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए उचित और आकर्षक दाम मिलने चाहिए, जिससे वे ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित हों।
ऑर्गेनिक प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अभियान शुरू करने की बात कही है। इसके लिए उन्होंने देश की सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को ऑर्गेनिक मिशन से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में अमित शाह ने एनसीओएल को भारत ऑर्गेनिक्स ब्रांड के तहत किसानों से लेकर ग्राहकों तक के लिए प्रामाणिक ऑर्गेनिक उत्पादों की एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने पर भी ज़ोर दिया।
ग्राहकों को बाजार में शुद्ध और प्रामाणिक ऑर्गेनिक उत्पाद मुहैया कराने के बारे में उनका कहना था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भारत ऑर्गेनिक्स के प्रत्येक बैच का परीक्षण हो। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अमित शाह ने अमूल डेयरी और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से जुड़े किसानों को ऑर्गेनिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किये जाने की बात कही।
देश ऑर्गेनिक्स उत्पादों की कीमतों को तय कर सके, इसके लिए उन्होंने एनसीओएल और सहकारिता मंत्रालय से अमूल के साथ एक बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया।
शाह ने आने वाले त्योहारों के दौरान ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। इसके लिए बेहतर मार्केटिंग की मदद से ऑर्गेनिक उत्पादों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की बात भी उन्होंने कही। जिससे उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके।
केंद्रीय मंत्री ने देशभर की सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को ऑर्गेनिक कृषि उत्पादों के स्रोत के रूप में कार्य करने की बात कही और ऑर्गेनिक उत्पादों व बीजों की बिक्री के केंद्र के रूप में भी काम करने पर ज़ोर दिया। जिससे एनसीओएल, एनसीईएल और बीबीएसएसएल जैसी राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं को भी बढ़ावा मिल सके।