एनसीईआरटी ने दसवीं कक्षा की नई किताबों से पीरियोडिक टेबल, लोकतंत्र और विविधता, लोकतंत्र की चुनौतियां और राजनीतिक दलों से साम्नाधित अध्याय हटा दिया है।
एनसीईआरटी के मुताबिक़ शिक्षा नीति पढ़ाई के बोझ को कम करने और रचनात्मक मानसिकता के साथ सीखने पर जोर देती है और इसी के चलते, सभी कक्षाओं में किताबों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद शुरू की गई है।
एनसीईआरटी इन दिनों साहित्य, इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर निशाने पर हैं। इस बीच राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने कोरोना काल के दौरान हुई पाठ्यक्रम समीक्षा में इससे जुड़ा पूरा पाठ सिलेबस से हटा दिया है। इस पर एनसीईआरटी का कहना है कि छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए यह फैसला किया गया है।
एनसीईआरटी ने 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब से खालिस्तान के संदर्भ को हटाया #एनसीईआरटी #खालिस्तान #एसजीपीसी #NCERT #Khalistan #SGPChttps://t.co/N0cXekKl1B
— द वायर हिंदी (@thewirehindi) June 1, 2023
पहली जून को एनसीईआरटी की तरफ से जारी बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों पर सामग्री का बोझ कम करने के लिए कक्षा दसवीं की पाठ्यपुस्तक से तत्वों, लोकतंत्र, राजनीतिक दलों (पूर्ण पृष्ठ) और लोकतंत्र की चुनौतियों के आवधिक वर्गीकरण के पूर्ण अध्यायों को हटा दिया है।
हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में किये गए बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। एनसीईआरटी द्वारा इसी सप्ताह बारहवीं कक्षा से राजनीति विज्ञान की किताब में उन विवादित अंशों को हटाने की जानकारी दी गई थी, जिनमें श्रीआनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ा गया था। इसके अलावा सावरकर के जीवन से संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर भी विवाद के स्वर फूटे।
NCERT Books Controversy : एनसीईआरटी ने कक्षा 10 की किताबों से हटाया पीरियोडिक टेबल और 'लोकतंत्र का पाठ', ये दिया तर्क https://t.co/8McJHoXFlb
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पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा के स्रोत जैसे अध्याय विज्ञान की किताब से हटाए जाने पर एनसीईआरटी ने इसे छात्रों पर पड़ने वाले बोझ को कम करना बताया है और ये भी कहा है कि छात्र इन अध्यायों को आगे पढ़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कक्षा 11 और कक्षा 12 में इन विषयों को चुनना होगा।