भारत की राजधानी नयी दिल्ली में फारसी भाषा के अध्ययन केन्द्र के प्रमुख ने इस देश में नौरोज़ के जश्न के महत्व पर बल दिया है।
” एहसानुल्लाह शुकरुल्लाही ” ने कहा कि भारत और पाकिस्तान पर चूंकि ईरानी संस्कृति का गहरा प्रभाव रहा है इस लिए इन दोनों देशों में नौरोज़ मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के शिया मुसलमान भी नौरोज़ मनाते हैं और उनका मानना है कि साल जब बदल रहा होता है तो उस समय दुआ करना से वह दुआ कूबूल होती है।
याद रहे नया ईरानी साल या नौरोज़ को विश्व के 12 देशों में औपचारिकता दी गयी है किंतु ईरान, अफगानिस्तान, ताजेकिस्तान, आज़रबाइजान गणराज्य, उजबेकिस्तान, तुर्कमानिस्तान, क़ज्ज़ाकिस्तान, किरगेज़िस्तान और अलबानिया जैसे 9 देशों में इस दिन को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है और इस दिन सरकारी छुट्टी होती है।