कलकाता ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या मामले पर पश्चिम बंगाल में छात्र समाज द्वारा नबन्ना मार्च निकाला जा रहा है। छात्र समाज इस मार्च के ज़रिए ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहा है जबकि ममता सरकार ने इस मार्च को शरारती तत्वों द्वारा अशांति फैलाने वाला और अवैध बताया है।
आज होने वाले इस मार्च को लेकर इलाक़े में बवाल मचा हुआ है। सरकार इसे रोकने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। धारा 144 के साथ यहाँ ड्रोन, वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले तक की तैयारी की खबर है।
कोलकाता पुलिस ने नबन्ना अभियान के मद्देनज़र सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। इसके लिए शहर में 6000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए और 19 जगहों पर बैरिकेड की व्यवस्था की गई है।
पांच संवेदनशील स्थानों पर एल्युमीनियम बैरिकेड लगाए गए हैं। नबन्ना भवन के चारो तरफ डीसीआरएफ के 160 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। नबन्ना भवन के बाहर तीन लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है और सीसीटीवी फुटेज की भी व्यवस्था की गई है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में ‘छात्र समाज’ का यह मार्च विरोध दर्ज कराने के लिए आयोजित किया गया है। ‘छात्र समाज’ कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया पर बना एक संगठन है और इस मार्च को ममता सरकार ने अवैध बताया है।
ममता बनर्जी का कहना है कि यह शरारती तत्वों द्वारा अशांति फैलाने की खुफिया साज़िश है। जबकि इस मामले में भाजपा नेता दिलीप घोष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
गौरतलब है कि आरजी कर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। दो दिन पहले तक मरीजों की संख्या जो लगभग 100 थी, अब 1000 को पार कर गई है। ओपीडी और इमरजेंसी सहित लगभग सभी विभाग काम कर रहे हैं।