म्यांमार की सरकार ने रोहिंग्या मुस्लमानों के ख़िलाफ़ अपने अपराध जारी रखते हुए राख़ीन प्रांत में उनके एक गांव पर तोपख़ाने से हमला किया जिसमें दो महिलाएं मारी गई हैं।
रोएटर्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार के एक सांसद मांग कियाव ज़ान ने शनिवार को बताया कि इस देश की सेना ने राख़ीन प्रांत में रोहिंग्याओं के एक गांव को तोपख़ाने के गोलों से निशाना बनाया जिसके परिणाम स्वरूप दो महिलाओं की मौत हो गई जिनमें से एक गर्भवती थी। इस हमले में सात अन्य लोग घायल भी हुए हैं। म्यांमार की सेना ने यह हमला ऐसी स्थिति में किया है कि जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने गुरुवार को अपने एक आदेश में म्यांमार की सरकार से कहा था कि वह रोहिंग्या मुसलमानों के जातीय सफ़ाए के मुक़ाबले में रोहिंग्या मुसलमानों की जान की रक्षा करे।
ज्ञात रहे कि 25 अगस्त 2017 से म्यांमार की सेना और चरमपंथी बौद्धों ने राख़ीन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले शुरू किए थे जिनमें अब तक छः हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इन हमलों में आठ हज़ार लोग घायल हुए हैं जबकि लगभग दस लाख लोग बेघर हो चुके हैं जिनमें से अधिकतर ने बांग्लादेश में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र संघ की तथ्यपरक समिति राख़ीन प्रांति की स्थिति की समीक्षा के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार किया है। (HN)