देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जहां देश में तनाव का माहौल है, वहीं पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सिख श्रद्धालुओं के लंगर के लिए मुगलकालीन मस्जिद के दरवाजे खोलकर भाईचारे की नई मिसाल पैदा की है।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, 3 दिन चलने वाले शहीदी जोड़ मेले को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ऐतिहासिक लाल मस्जिद का परिसर सिखों के लिए खोल दिया है।
यह मस्जिद मुगलों के शासन के दौरान बनी थी। मस्जिद के दरवाजे खोलने के बाद यहां रसोई तैयार की जाएगी, ताकि सिख श्रद्धालु इसके परिसर में लंगर छक सकें।
खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए मस्जिद के तहखाने का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं, मुस्लिम समुदाय के लोग रसोईघर की सेवाओं में भी हाथ बंटा रहे हैं।
मस्जिद के सामने स्थित माता गुजरी कॉलेज में पंजाबी के प्रोफेसर राशिद रशीद का कहना है ‘सिखों की लड़ाई इस्लाम या मुस्लिमों के खिलाफ नहीं, बल्कि जुल्म के विरुद्ध थी। धर्म कोई भी हो, सब संदेश प्यार का ही देते हैं।
मस्जिद के मौजूदा उत्तराधिकारी सैफुद्दीन ने कहा ‘इस मस्जिद का वर्ष 2015 में पुनर्निर्माण करवाया था और इसे हमारे बुजुर्ग करीब 42 साल से लंगर की सेवा कर रहे हैं।’ राई माजरा गांव के जसविंदर सिंह का कहना है ‘मुस्लिम भाई सभी मामलों में यहां सिखों का साथ देते हैं।