नई दिल्ली: मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव में मतभेद अब भी जारी है. समाजवादी पार्टी में चुनाव पूर्व जो मतभेद और भीतरी राजनीति हुई और पार्टी में दो फाड़ हो गया. यह सब अब भी जारी है. जबकि चुनाव के समय यह कहा जा रहा था कि चुनाव बाद सब ठीक हो जाएगा. तबके समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे तथा राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच मनमुटाव हुआ. यह मनमुटाव राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को निर्धारित करने के लेकर हुआ. मुलायम सिंह यादव ने बतौर पार्टी अध्यक्ष अपने भाई और पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव के साथ मिलकर पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी. इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने अपनी और से पार्टी नेताओं की सूची तैयार कर ली थी जिसे वह चुनाव लड़ाना चाहते थे. वहीं पर राज्य में समाजवादी पार्टी में दो गुट बन गए हैं. हालात यहां तक आ गए कि अखिलेश यादव को अपने पिता और राजनीतिक गुरु तथा पार्टी के सर्वेसर्वा रहे मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बगावत करनी पड़ी. अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव को हर मोर्चे पर पटखनी दी और पार्टी के एकछत्र नेता बनकर उभरे. यहां तक सब ठीक था.
मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर पार्टी के कांग्रेस से गठबंधन के खिलाफ आवाज बुलंद की. लेकिन अखिलेश यादव ने इनकी एक न सुनी और राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. पार्टी को राज्य में हुए चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा और पार्टी सत्ता से बाहर हो गई.
यूपी में समाजवादी पार्टी की हार के बाद बिहार में लालू प्रसाद यादव ने महारैली करने की घोषणा की थी. लालू यादव ने विपक्षी दलों का एक ऐसा गठबंधन दर्शाना चाहते थे जो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ साझी लड़ाई के लिए कमर कस तैयार चुनौती देंगे. वहीं पर लालू प्रसाद यादव ने अखिलेश यादव और मायावती दोनों को एक साथ आने की अपील की.
अभी तक की जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव और मायावती दोनों ही 27 अगस्त को लालू प्रसाद यादव की महारैली में शामिल होने के लिए जा रहे हैं.
अब एक बार फिर, एएनआई के अनुसार मुलायम सिंह यादव ने साफ कर दिया है कि वह नहीं चाहते हैं कि अखिलेश यादव किसी प्रकार का कोई राजनीतिक गठबंधन करें. उन्होंने कहा कि मैं किसी भी गठबंधन के पक्ष में नहीं हूं. मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगर अखिलेश और रामगोपाल किसी से भी गठबंधन करेंगे तो वह कोई और फैसला लेंगे.