लखनऊ : मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी-कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार न करने की बात से यू-टर्न ले लिया है। Mulayam
यादव ने पहले सपा-कांग्रेस के गठबंधन को नकार दिया था और कहा था कि वह कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
अब मुलायम का कहना है कि वह सपा के लिए प्रचार करेंगे मगर 9 फरवरी के बाद।
गुरुवार को मुलायम ने कहा, ”वे हमारे सहयोगी हैं तो हम क्यों नहीं (प्रचार) करेंगे?”
मुलायम ने कुछ दिन पहले मीडिया से कहा था कि समाजवादी पार्टी अपने दम पर जीतती, उन्हें कांग्रेस की मदद की जरूरत नहीं है।
मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘मैं इस समझौते के खिलाफ हूं।
समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने और जीतने के लिए सक्षम थी। गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी।’ मुलायम ने कहा था कि वे सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए प्रचार करने नहीं जा रहे।
मुलायम ने कहा, ‘हमारे जो नेता हैं, जिनके टिकट काटे हैं वो अब क्या करेंगे? पांच साल के लिए तो मौका गंवा दिया।’ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया है।
कांग्रेस 105 और समाजवादी पार्टी 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने पहली बार साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इस दौरान उन्होंने गठबंधन के थीम सॉन्ग ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ को लॉन्च किया। इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कि यह गठबंधन गंगा-यमुना का मिलन है।
राहुल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ‘नीयत’ साफ नहीं है और वह सपा के साथ मिलकर उनकी ‘क्रोध’ की राजनीति का मुकाबला करेंगे। उन्होंने कहा, ‘इस गठबंधन से उनके अखिलेश से निजी और राजनीतिक संबंध गहरे हुए हैं। यह गंगा और जमुना का संगम है, जिसमें से तरक्की की सरस्वती निकलेगी।’