नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने हथियार उपलब्ध कराने वाले लोगों और आम्र्स इंडस्ट्री को पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है। सरकार ने हथियार बनाने वाली कंपनियों को संकेत दिए हैं कि वो जल्द से जल्द बड़ी संख्या में हथियार बनाने के लिए तैयार रहे हैं। शॉर्ट नोटिस पर उन्हे कभी भी हथियारों की सप्लाई करनी पड़ सकती है। modi goverment
सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां पूरी तरह से अस्थिर हैं। दूसरे सभी विकास कार्यों से कहीं ज्यादा अहम देश की सुरक्षा है। इसके लिए एक बड़ा बजट चाहिए। सशस्त्र बलों के पास इस समय खासतौर से गोला बारूद और छोटे-छोटे हथियारों की कमी है। भारत के सामने अभी इस कमी को पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ रहे तनाव के चलते इसमें लापरवाही नहीं बरती जा सकती। किसी भी समय होने वाले युद्ध के लिए भारत को पूरी तैयारी करनी होगी।
लड़ाकू विमान के पाट्र्स की जरूरत
सुरक्षा मंत्रालय को इस समय छोटे-छोटे हथियारों की ज्यादा जरूरत है। इस समय मंत्रालय को गोला बारूद के साथ ही सुखोई और मिराज लड़ाकू विमान में लगने वाले स्पेयर पाट्र्स प्राथमिकता से चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक से एक दिन पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों को देखते हुए देश का सुरक्षा बजट बढ़ाने की सख्त जरूरत है। जेटली ने एक बैंकिंग कॉफ्रेंस के दौरान कहा था कि सभी वैश्विक घटनाएं भारत पर अपना प्रभाव डालती है। हमारे ऊपर सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा को लेकर है।
कम समय में ज्यादा से ज्यादा हथियार बनाने होंगे
सरकार के बड़े अधिकारियों और कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने इस बात की पुष्टि की। सूत्रों के अनुसार सरकार अब सशस्त्र बलों की जरूरत के हिसाब से हथियार जुटाने की तैयारी कर रही है। भारत में अच्छा बिजनेस करने वाले हथियारों के सप्लायर्स का कहना है कि अगर देश को जरूरत हुई तो तत्काल रूप से अतिरिक्त हथियारों का प्रबंध कर दिया जाएगा। सरकार ने हथियार बनाने वाली इंडस्ट्री से ये पूछा है कि वो शॉर्ट नोटिस पर कितने हथियार उपलब्ध करवा सकती हैं। डिफेंस से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पठानकोठ में हुए एयरबेस हमले के बाद भी सरकार की तरफ से जनवरी में ऐसी पूछताछ आई थी।
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