नई दिल्ली। पिछले हफ्ते लापता हुए विमान एएन-32 का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। भारत सरकार ने विमान की तलाश के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने एएन-32 की सैटेलाइट इमेजिंग के लिए अमेरिका से मदद मांगी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिकी रक्षा बलों से इस बात की मदद मांगी जा रही है कि क्या उनके उपग्रहों ने 22 जुलाई को कुछ सिग्नल पकड़े थे। 22 जुलाई को ही 29 लोगों को ले जा रहा यह विमान लापता हुआ था। उन्होंने कहा कि हमारे उपग्रहों के चित्रों के अलावा हमने अमेरिका से उनके चित्रों के लिए कहा है ताकि अंतरिक्ष में स्थित उपग्रहों की इमरजेंसी फीक्वेंसी का पता चल सके। अन्य देशों से भी हम कह चुके हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे प्रयास सफल होंगे।
पर्रिकर ने यह भी कहा, इस बात की आशंका कम है कि एयरक्रफ्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी हुई होगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि विमान की हाल में व्यापक मरम्मत की गई थी और यह नए के समान ही बेहतर था। उन्होंने कहा, मैं सदस्यों की उद्विग्नता को समझ सकता हूं। मैं भी विमान के अचानक गायब हो जाने से परेशान हूं। मैंने कई विशेषज्ञों और पूर्व वायुसेना प्रमुखों से बात की है और वे भी अचानक गायब हो जाने से हैरत में हैं। उन्होंने कहा, कोई एसओएस या किसी फ्रीक्वेंसी का प्रसारण नहीं किया गया। यह बस लापता हो गया जो चिंता की सबसे बड़ी बात है।
इस बीच एएन 32 विमान में सवार एयरमैन रघुवीर वर्मा के परिजनों ने दावा किया है कि शुक्रवार सुबह रघुवीर के मोबाइल फोन पर रिंग हुआ है। परिवार का कहना है कि रघुवीर का एयरटेल नंबर ऑन था और इस पर कई बार घंटी बजी है। यह भी दावा किया गया है कि रघुवीर के मैसेंजर ऐप पर लास्ट सीन 26 जुलाई को दिखा रहा है जबकि विमान 22 जुलाई को लापता हुआ था।