ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, ‘मेटा’ फिलिस्तीनी आवाजों को चुप करा रहा है, ‘मेटा’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फिलिस्तीन-आधारित सामग्री को व्यवस्थित रूप से सेंसर कर रहा है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ अत्याचारों को सोशल मीडिया पर फैलने से रोकने के ‘मेटा’ के प्रयास पर एक रिपोर्ट जारी की है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, गाजा पर इजरायल की लगातार बमबारी से 8,000 बच्चों और 6,200 महिलाओं सहित 20,000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘मेटा’ की सेंसरशिप फिलिस्तीनियों की पीड़ा को और बढ़ा रही है, ऑनलाइन सेंसरशिप के 1000 से अधिक मामलों की समीक्षा की गई है।
7 अक्टूबर से गाजा पर इजरायल के हमलों में फिलिस्तीनी मौतों का आंकड़ा 20 हजार पहुंच गया है। दूसरी तरफ गाजा में मानवीय सहायता के प्रावधान को लेकर संयुक्त राष्ट्र में सौंपे गए प्रस्ताव पर मतदान तीसरी बार स्थगित कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा में फिलिस्तीनी लोगों की मौत का आंकड़ा 20,000 तक पहुंच गया है, जिनमें 8,000 बच्चे और 6,000 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, गाजा पर इजरायल के हमले अभी भी जारी हैं। इज़रायली हमलों के चलते 66% फ़िलिस्तीनियों ने भी अपनी नौकरियाँ खो दी हैं।