अहमदाबाद। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचीं। इस दौरान ऊना कांड और दलितों के मुद्दे पर मायावती ने केंद्र और गुजरात की बीजेपी नीत सरकार पर जमकर हमला बोला। यूपी की पूर्व सीएम ने ऊना में दलितों के साथ हुई घटना को अत्याचार का चरम बताया।
ऊना के पीड़ित अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ईलाज करवा रहे हैं। ऊना से पहले मायावती अहमदाबाद पहुंचीं। यहां उन्होंने सबसे पहले कालूपुर रेलवे स्टेशन के पास सारंगपुर चैराहे पर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित किए और उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने दलित समुदाय से अपील की कि वह गुजरात की राजनीतिक सत्ता की चाबी अपने हाथ में ले।
मायावती ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर जिस तरह दलितों का उत्पीड़न और शोषण किया गया है, वह इसी के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करने आई हैं। माया ने कहा, ‘मुझे पता चला कि 11 जुलाई को गोरक्षा के नाम पर कुछ दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ, उनके हाथ बांधकर लाइन से खड़ा करके पीटा गया। उनके कमर के जख्म साफ दिखाई दे रहे थे। जब मैंने ये विडियो देखा, जिस बर्बरता से उनकी कमर पर मारा जा रहा था, मुझे लगा कि कोई मेरी कमर पर मार रहा है।’ बीएसपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की थी। मायावती ने कहा, ‘यहां की सरकार और विपक्ष दोनों ने इस घटना के बारे में कुछ नहीं किया और मैंने 18 तारीख को संसद को नहीं चलने दिया और मुद्दा उठाया। तब कहीं जाकर सरकार हरकत में आई। जब मैंने कहा कि मैं ऊना जाऊंगी, तब सरकार ने यूपी में एक नेता द्वारा मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके साजिश के तहत गुजरात आने से रोका।’
मायावती ने कहा कि जबसे केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार आई है तब से देशभर में दलितों, अन्य पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के लोगों के जानमाल और मजहब पर हमले काफी ज्यादा बढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘गोरक्षा के नाम पर पहले मुसलमानों को टारगेट किया गया और दादरी जैसी दर्दनाक घटना हुई। अब दलितों को उसी गोरक्षा के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। ऊना कांड इसकी बदतरीन मिसाल है।
मायावती ने कहा कि वह तब ऊना नहीं आ सकीं, क्योंकि वह थोड़ा उलझ गई थीं। थोड़े समय बाद जब लोगों का गुस्सा शांत हुआ, तब वह यहां आई हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां आती उससे पहले ही पीड़ितों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उनकी स्थिति खराब हुई तब अहमदाबाद लाया गया। पूरे देश में दलितों का उत्पीड़न हो रहा है। अंग्रेज देश छोड़कर गए, लेकिन जितनी भी सरकारें आईं, उन्होंने आपको मान-सम्मान की जिंदगी जीने का मौका नहीं दिया। उन्होंने दलित समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप अगर सरकार को दंड देना चाहते हैं तो सबको संगठित करके राजनितिक सत्ता की मास्टरी अपने हाथों में लें। दलितों के साथ आदिवासी मिल जाएं, अपर क्लास के गरीब मिल जाएं तो अपने आप में एक बड़ी ताकत बन सकती है।’
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री गुजरात से हैं, वह सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, लेकिन सिर्फ पूंजीवादियों का विकास ही हुआ है। अगर ऊना के पीड़ितों का इलाज सही नहीं हो रहा, तो वह यह मुद्दा संसद में उठाएंगी। मायावती ने कहा कि गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिया जाना बीजेपी की नाटकबाजी है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह यूपी चुनाव को ध्यान में रखकर दलितों के साथ भोजन करने की ऐसी ही नाटकबाजी करते रहते हैं। लेकिन इन सब बातों से दलितों का कुछ भी भला नहीं होता है।