नई दिल्ली। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हज सब्सिडी खत्म करने संबंधी केंद्र सरकार के निर्णय की आलोचना की और इये मनमाना और दुभावना से प्रेरित बताया।
माकपा की ओर से यहां जारी बयान में कहा गया है कि 2012 में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में हज सब्सिडी को 10 वर्षाें के दौरान विभिन्न चरणों में समाप्त करने को कहा था। बयान में कहा गया,लेकिन अचानक हज सब्सिडी खत्म करने से यह मनमाना और अन्य विचारों से प्रेरित प्रतीत होता है।
बयान में कहा गया,माकपा धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का पालन करता है और किसी भी व्यक्ति या समाज को धार्मिक तीर्थयात्रा के लिए किसी प्रकार के केंद्रीय या राज्य वित्त पोषण देने के खिलाफ है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हज यात्रियों को 2018 से यात्रा सब्सिडी नहीं देने की कल घोषणा की थी।
सरकार ने यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के 2012 के फैसले के मद्देनजर किया है जिसमें हज सब्सिडी 2022 तक धीरे-धीरे खत्म करने का निर्देश दिया गया था। सब्सिडी राशि का इस्तेमाल अब अल्पसंख्यकों विशेषकर बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा।-