छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन में हो रहा है। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व जबकि इस वर्ष होने वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बाद इस अधिवेशन को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक और खास बात कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव को लेकर पार्टी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे को बागडोर सौंपा जाना है।
25 वर्षों में पहली बार संचालन समिति की बैठक में गांधी परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। समिति की बैठक में उद्घाटन भाषण देते हुए पार्टी अध्यक्ष खरगे ने कहा कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा का चुनाव है। उन्होंने इस महाधिवेशन को चुनौती के साथ अवसर भी बताया। भारत जोड़ो यात्रा का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, इसने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है।
कमिटी के चुनाव पर मलिकार्जुन खड़गे का कहना है कि वह जल्द ही इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ वार्ता करेंगे।
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को पार्टी के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में कहा कि हम यहां ऐसे समय में जमा हुए हैं जब देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। संसदीय संस्थानों को गंभीर संकटों का सामना करना पड़ रहा है और राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस का महाधिवेशन ऐसे दौर में हो रहा है, जब देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं। लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। हमें सोच विचार कर तथ्यों के साथ अपने विचारों को आगे बढ़ाना है।#INCPlenaryInCG https://t.co/RBcDttAifE
— Navjivan (@navjivanindia) February 24, 2023
पार्टी संविधान में कांग्रेस संचालन समिति ने कई संशोधनों को मंजूरी दी है। कार्यसमिति में पूर्व प्रधानमंत्रियों, पार्टी के पूर्व अध्यक्षों व लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेताओं को स्थायी सदस्यता दी गई। इसके बाद सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या 25 से ज्यादा हो जाएगी। कार्यसमिति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और युवाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सभी निकायों में इन वर्गों को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
माना जा रहा है कि गांधी परिवार यह संदेश देना चाहता था कि खरगे को पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उन्हें बागडोर दे दी गई है। परिवार का इसमें कोई दखल नहीं है। भाजपा लगातार यह आरोप लगाती रही है कि गांधी परिवार पर्दे के पीछे से नेतृत्व संभाले हुए है। शुरू में यह अफवाह भी उड़ी कि गांधी परिवार महाधिवेशन में नहीं आएगा। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोपहर तीन बजे के बाद विशेष विमान से रायपुर पहुंचे।