नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को उस समय महात्मा गांधी का सीना गोलियों से छलनी कर दिया था, जब वह दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम के समय प्रार्थना सभा से उठ रहे थे। गोडसे ने अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक के बाद एक तीन गोलियां मारकर बापू की हत्या कर दी थी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 72वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमहोन सिंह और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत कांग्रेस के कई नेता दिल्ली में राजघाट पर बापू की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी राजघाट पर बापू की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।
https://twitter.com/priyankagandhi/status/1222731536744665089?s=20
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “बापू तुम जिंदा हो, खेतों में खलिहानों में न्याय, सत्य और प्रेम के अरमानों में महात्मा गांधी।”
Save Constitution march led by @RahulGandhi at Kalpetta on the day of Martyrdom of Gandhiji. Several thousands supporters marched along with to save the constitution & the values enshrined in it. pic.twitter.com/bZ46Chn9jw
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) January 30, 2020
नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को उस समय महात्मा गांधी का सीना गोलियों से छलनी कर दिया था, जब वह दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम के समय प्रार्थना सभा से उठ रहे थे। गोडसे ने अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक के बाद एक तीन गोलियां मारकर बापू की हत्या कर दी थी। उनकी हत्या के बाद गोडसे को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया था। 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा सुनाई गई। शहीदी दिवस को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में भी मनाया जाता है।