मुंबई: दलित संगठनों ने महाराष्ट्र में बंद का ऐलान किया है। ये उन्होंने पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के विरोध में किया है। इस बंद से मुंबई और पुणे समेत राज्य के कई शहर प्रभावित हो रहे हैं। इससे स्कूली बच्चों और दफ्तर जाने वाले लोगों को ख़ासा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
दलित पार्टी भारीपा बहुजन महासंघ के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने एक जनवरी की पुणे की घटना पर नाराजगी जाहिर करने के लिए बुधवार को शांतिपूर्ण महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। प्रकाश अबंडेकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पोते हैं।
बंद की शुरुआत बुधवार को ठाणे और पालघर में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं में बाधा डालने व मुंबई में जुलूस निकाले के साथ हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
पालघर के ठाणे और विरार स्टेशनों पर रेल सेवा रोकने की कोशिश में दलित कार्यकतार्ओं के समूह नारेबाजी करते और झंडे लहराते हुए रेलवे ट्रैक पर कूद गए, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया।
– हिंसा की चपेट में आकर मंगलवार को 187 बसों को नुकसान पहुंचने के बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने ऐहतियात बरतते हुए कुछ संवेदनशील इलाकों में बस सेवाएं निलंबित कर दी है।
– बंद के ऐलान के बाद हुई तोड़फोड़ के चलते स्कूल ने अपनी बसों की सेवा पर भी फिलहाल रोक लगा दी है।
– ऐसे में बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी परेशानी हो सकती है।
– मुंबई के घाटकोपर और चेंबूर में अब भी प्रदर्शन जारी है।
– बंद के चलते मुंबई से नासिक जाने वाला रास्ता भी प्रभावित हुआ है।
– मुंबई से पुणे एक्सप्रेस वे पर पहुंचना भी मुश्किल है। क्योंकि पुणे जाने का रास्ता चेंबूर से शुरू होता है।
– बंद का सबसे ज्यादा असर हार्बर लाइन पर होगा।