मस्तिष्क गतिविधि से जुड़ा एक अध्ययन बताता है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान अपना चेहरा देखने से मानसिक तनाव होता है।
यूनाइटेड स्टेट के आयरलैंड में गैलोवे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में पाया कि जो लोग ज़ूम या अन्य सुविधा पर आयोजित बैठक में भाग लेते थे, वे खुद को स्क्रीन पर देखकर अधिक थकान महसूस करते हैं।
पिछले एक अध्ययन में यह बताया गया था कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी तस्वीर देखकर महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक तनावग्रस्त हो जाती हैं। इसके विपरीत, एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि पुरुष और महिलाएं अपनी छवि को देखकर समान रूप से थकान महसूस करते हैं।
मॉनिटरिंग ने पुष्टि की कि जिस समय मीटिंग में शामिल प्रतिभागी अपनी तस्वीर देख सकते थे तो वे काफी अधिक सतर्क थे।
शोधकर्ताओं की टीम ने 32 स्वयंसेवकों पर इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफी यानी ईईजी का उपयोग करते हुए एक प्रयोग किया। इस टीम में 16 पुरुष और 16 महिलाएं थीं। इन सभी व्यक्तियों ने अलग-अलग समय पर सेल्फ-व्यू मोड के साथ और उसके बिना लाइव ज़ूम मीटिंग में भाग लिया।
“Our study shows that those feelings of fatigue you get during video calls are real, and seeing your own reflection makes it even more tiring. Simply turning off the mirror image can help offset fatigue in virtual meetings.” @cilliansherlock https://t.co/CPqwLJrXeq @Independent
— Eduardo Chaillo CMP, CMM, CASE, DES, CITP (@echaillo) April 23, 2024
शोधकर्ताओं ने कहा कि ईईजी गैर-आक्रामक रूप से सिर पर लगाए गए इलेक्ट्रोड की मदद से मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है और मानसिक गतिविधि की शुरुआत को चिह्नित कर सकता है।
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ओवेन व्हेलन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बढ़ गया है। ये प्लेटफ़ॉर्म अभी भी काम और शिक्षा के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं, लेकिन लोग अक्सर वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में अपना काम साझा करते हैं।
ऐसे में मस्तिष्क गतिविधि से जुड़ा हर अध्ययन कुछ न कुछ नयी जानकारी लेकर सामने आ रहा है। जिसमे एक बार महिलाओं के पुरुषों की तुलना में अधिक तनावग्रस्त होने की बात सामने आयी वहीँ यह ताज़ा अध्ययन बताता है कि इसी उपक्रम में पुरुष और महिलाएं अपनी छवि को देखकर समान रूप से थकान महसूस करते हैं।