रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने ब्याज दरों को 6.5 फीसद पर बरकरार रखा है। ऐसे में न ही लोन महंगे होंगे और न ही ईएमआई बढ़ने के संकेत हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी जून की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। इस तरह लगातार आठवी बार ये दर बरक़रार है। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।
रेपो रेट के स्थिर रहने के कारण रियल एस्टेट या होम लोन ईएमआई पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही इस स्थिरता के कारण बैंकों द्वारा अपनी उधार दरों में भी जल्द ही किसी बदलाव के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं।
आरबीआई एमपीसी की बैठक में बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव ना करने का फैसला लिया गया है। हालाँकि इस बीच यूरोपियन सेंट्रल बैंक और कनाडा ने ब्याज दरों में कटौती की है।
गौरतलब है कि रेपो दर तथा होम लोन की ब्याज दर को निर्धारित करने में भारतीय रिजर्व बैंक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आरबीआई एमपीसी की बैठक 5 जून से 7 जून के बीच हुई जिसमे ब्याज दरों की समीक्षा की गई। बैठक में कुल 6 सदस्य थे जिनमे से 4 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव ना करने का फैसला लिया।
क्योंकि ब्याज दर में होने वाला उतार-चढ़ाव रियल एस्टेट की मांग को प्रभावित करता है। इसलिए ब्याज दर कम होने की दशा में उधार लेना अधिक किफायती होता है जिससे मांग बढ़ती हैं।
बताते चलें कि आरबीआई की एमपीसी में छह सदस्य हैं। इसमें आरबीआई के अलावा बाहरी अधिकारी भी हैं। गवर्नर दास के अलावा आरबीआई अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। यहाँ माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर हैं जबकि शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं।
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स से मिलने वाली जानकारी के मुताबिक़, यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने अपनी संबंधित प्रमुख दरों को कम करना शुरू कर दिया है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती है। साथ ही बैंक ऑफ कनाडा ने भी अपनी प्रमुख दरों को कम करना शुरू कर दिया है।