संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में रात 12 बजे घंटे की आवाज के साथ देश में जीएसटी लागू हो गया। जीएसटी लागू होने के मौके पर केंद्रीय कक्ष में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री हिस्सा लिया।
– GST भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और ज्ञान को एक भेंट है: प्रणव मुखर्जी
– टैक्स सिस्टम का यह नया युग केंद्र और राज्यों के बीच व्यापक सहमति का परिणाम है: प्रणव मुखर्जी
– मुझे भरोसा था कि जीएसटी आखिरकार लागू होगा: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
मोबाइल फोन के जरिये समझें जीएसटी का पूरा गणित
– यह ऐतिहासिक क्षण चौदह वर्ष की उस लंबी यात्रा की समाप्ति है जो दिसंबर 2002 में शुरू हुई थी: प्रणव मुखर्जी
– आज आधी रात को पूरा होगा 14 साल का सफर : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
– मैं उस समय वित्त मंत्री के रूप में जीएसटी की रूपरेखा तय करने में काफी करीब से शामिल रहा: प्रणव मुखर्जी
GST का मतलब गुड एंड सिंपल टैक्स: पीएम मोदी
– जीएसटी के दौर में देश एक आधुनिक टैक्स व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है: पीएम मोदी
– राज्यों के अलग-अलग टैक्सों के कारण असमानता दिखती है। हम इससे मुक्ति की ओर आगे बढ़ रहे हैं: पीएम मोदी
– जीएसटी सहयोगात्मक संवाद का एक उम्दा उदाहरण है : मोदी
– जीएसटी से ईमानदार व्यापारियों की परेशानियां कम होंगी: पीएम मोदी
एक देश-एक कर: पांच चिंताएं बरकरार
– अब गंगानगर से ईटानगर और लेह से लक्षद्वीप तक एक ही टैक्स रहेगा: पीएम मोदी
– जीएसटी में गरीबों की समान रूप से चिंता की गई है: पीएम मोदी
– GST पर संसद में पहले के सांसदों ने मौजूदा सांसदों ने लगातार चर्चा की है और उसी का परिणाम है कि आज हम इसे साकार रूप में देख पा रहे हैं: मोदी
– जीएसटी की प्रक्रिया केवल अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित नहीं है: पीएम मोदी
– जीएसटी की 18 बैठकें हुईं, गीता के भी 18 अध्याय हैं: पीएम मोदी
एक कर व्यवस्था का पांच पेशों पर प्रभाव
– जीएसटी की प्रक्रिया केवल अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित नहीं है: पीएम मोदी
– आज मध्यरात्रि से हम देश का आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं: पीएम मोदी
– देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ा है: पीएम मोदी
– जीएसटी किसी एक सरकार की उपलब्धि नहीं है, ये सबके साझे प्रयासों का परिणाम है: पीएम मोदी
– 125 करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं: पीएम मोदी
जीएसटी से भारत नई विकास यात्रा की शुरुआत करेगा : जेटली
– केंद्र और राज्य मिलकर आर्थिक उन्नति के लिए काम करेंगे: वित्त मंत्री अरुण जेटली
– जीएसटी के लागू होने पर भारत अपना भाग्य लिखेगा: वित्त मंत्री अरुण जेटली
– 15 साल पहले शुरू हुई थी जीएसटी की प्रक्रिया: वित्त मंत्री अरुण जेटली
– एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा: वित्त मंत्री अरुण जेटली
-जीएसटी ऐसे दौर में आ रहा है जब दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है: वित्त मंत्री अरुण जेटली
– संसद के सेंट्रल हॉल में जीएसटी लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं वित्तमंत्री अरुण जेटली।
– GST लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी संसद भवन पहुंचे।
– रात 10 बजकर 40 मिनट: संसद के सेंट्रल हाॅल में मेहमानों का आना शुरू
– रात 9 बजकर 50 मिनट: ट्रैक्टर के पुर्जों पर 28 की जगह 18 फीसदी लगेगा GST, जीएसटी काउंसिल में लिया गया फैसला। किसानों के हित में सरकार ने लिया फैसला
– रात 9 बजे: रासायानिक खाद पर 12 की जगह लगेगा 5 फीसदी जीएसटी
– संसद भवन में कब क्या हुआ
11 बजे राष्ट्रपति संसद पहुंचें।
11.02 पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का संबोधन हुआ।
11.15 में पीएम मोदी का संबोधन शुरू हुआ।
11.45 पर राष्ट्रपति का संबोधन हुआ।
12 बजे जीएसटी लागू हुआ।
GST:यहां मिलेंगे आपको सारे सवालों के जवाब, क्या सस्ता-क्या होगा महंगा
जीएसटी लागू होने के जश्न के लिए संसद भवन को दुल्हन की तरह सजाया गया है। केंद्रीय कक्ष में भी तैयारियां पूरी हो चुकी है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार की निगरानी में जीएसटी लागू करने का अभ्यास भी हो चुका है। मुख्य कार्यक्रम में ठीक 12 बजे घंटा बजेगा, जो यह बताएगा कि जीएसटी लागू हो गया है। रात 11.30 बजे से 12.05 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान दो शार्ट फिल्में भी दिखाई जाएगीं। इसके लिए केंद्रीय कक्ष में दो बड़ी-बड़ी स्क्रीन भी लगाई गई हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एक एप भी जारी करेंगे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करेंगे, इसलिए केंद्रीय कक्ष के साउंड सिस्टम को भी बदला गया है। संसद के दोनों सदनों के सांसदों सहित करीब 1500 लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। जीएसटी के कार्यक्रम के लिए संसद भवन को एलईडी बल्बों से रोशन किया गया है। माइक्रो सेंड तकनीक से संसद भवन के खंभों को साफ किया जा रहा है, ताकि इमारत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचे।