नई दिल्ली। अगर आप नौकरी या बिजनेस करते हैं तो आपके पास इनकम टैक्स फाइल करने के लिए 15 दिन बचें हुए हैं। क्योंकि इस बार आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। डेडलाइन से पहले आईटीआर फाइल नहीं करने पर आपकी परेशानी बढ़ सकती है। इनकम टैक्स विभाग से आपको नोटिस मिल सकता है। आइए जानते हैं कि आईटीआर फाइल करने में कौन सा फॉर्म आपके लिए है और किन पेपरों की पड़ेगी जरूरत।
रिटर्न को करें ई-वेरिफाई
टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया तब ही पूरी होती है जब उसे वेरिफाई कर दिया जाता है। रिटर्न सब्मिट करने के बाद रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी पर आईटीआर यानि कि एक्नॉलिजमेंट मिलता है जिसे आपको वेरिफाई करना होता है। इसे पूरा करने के लिए सबसे सरल तरीका यह है कि इसका प्रिंट आउट लें, साइन करें और फिर बैंगलुरु के टैक्स डिपार्टमेंट के सेंटर के पते पर
भेज दें।
किसके लिए कौन सा फॉर्म
आईटीआर-1: सैलरी/ पेंशन, एक मकान से इनकम या 5 हजार कृषि से आय
आईटीआर-2A : सब कुछ फॉर्म-1 के समान
– कृषि से इनकम 5 हजार से अधिक, एक से अधिक मकान
आईटीआर-2 : सब कुछ आईटीआर फॉर्म-2A के समान, हाउस प्रॉपर्टी दो से ज्यादा
– ब्याज या कैपिटल गेन से होने वाली आय का विवरण फॉर्म 16 में नहीं होता, लेकिन फिर भी इसको स्पष्ट करना जरूरी है।
नोट : नौकरीपेशा लोगों के लिए आईटीआर1 और आईटीआर2 दोनों फॉर्म का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
सही फार्म चुनें
सबसे बड़ी गलती लोग फॉर्म चयन में करते हैं। आईटीआर के लिए कुल सात फॉर्म होते हैं। इसमें से उस फॉर्म का चयन करें जो आपकी आय के स्रोत का विवरण देने के अनुरूप हो।
सभी आय बताएं
आईटीआर फाइल में सभी तरह की इनकम स्रोत का ब्योरा दें।
सही जानकारी भरें
कई बार इनकम टैक्स फाइल करते समय टैक्सपेयर से अपनी निजी जानकारी भरने में गलती हो जाती है। लोग अक्सर पैन कार्ड का नंबर, स्थायी पता और बैंक जानकारी गलत दे देते हैं। रिटर्न फाइल करने से पहले जरूर जांच लें। टैक्सपेयर कई बार गलती से गलत आईएफएससी कोड या बैंक एकाउंट नंबर डाल देते हैं। इससे रिफंड प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि रिफंड की राशि इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के माध्यम से की जाती है।