इटली ने घोषणा की है कि वह गाजा में इजरायली हमलों में घायल हुए 100 फिलिस्तीनी बच्चों का इलाज करेगा।
इटली के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि फ़िलिस्तीनी बच्चों और उनके परिवारों को इटली स्थानांतरित करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। शुरुआत में, अगले कुछ दिनों में 30 फ़िलिस्तीनी बच्चों को हवाई मार्ग से लाया जाएगा।
इटली के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अन्य 30 बच्चों को इस महीने के अंत में एक सैन्य जहाज द्वारा इटली स्थानांतरित किया जाएगा। इतालवी जहाज न्यू वल्केनो जल्द ही बच्चों को स्थानांतरित करने के लिए मिस्र के बंदरगाह से रवाना होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलीस्तीनी बच्चों का इलाज रोम, बोलोग्ना, फ्लोरेंस और जेनोआ के अस्पतालों में किया जाएगा।इटली ने कहा है कि इसके अलावा सेना एक फील्ड अस्पताल स्थापित करने के लिए क्षेत्रीय देशों के साथ संपर्क में है।
Italy will provide hospital treatment for 100 Palestinian children from Gaza after transporting them by plane and ship in an operation to be launched in the next few days, Defense Minister Guido Crosetto said https://t.co/TMDSKS84Ht pic.twitter.com/sovGBuIz4x
— Reuters (@Reuters) January 24, 2024
विदेशी मीडिया से मिलने वाली ख़बरों के मुताबिक, बुधवार को 7 फिलिस्तीनी घायल बच्चों को इलाज के लिए फ्रांस लाया गया है। विदेशी मीडिया के मुताबिक, इससे पहले दिसंबर में 2 घायल फिलिस्तीनियों को फ्रांस स्थानांतरित किया गया था।
यूरो-मेड ह्यूमन राइट्स मॉनिटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर से अब तक 10,000 से अधिक बच्चे मारे गए हैं या मलबे में दब गए हैं और उन्हें मृत मान लिया गया है। इज़रायली हमलों में कम से कम 24,000 बच्चों ने एक या दोनों माता-पिता को खो दिया है और लगभग 18,000 घायल हो गए हैं और कुछ की हालत गंभीर है।
गाजा पट्टी के 2.3 मिलियन लोगों में से लगभग आधे (करीब 47 प्रतिशत) 18 वर्ष से कम आयु के हैं। उनमें से अधिकांश ने अपने छोटे से जीवन के दौरान कम से कम चार इजरायली हमलों का सामना किया है।
इज़राइल द्वारा तटीय क्षेत्र पर लगाई गई नाकेबंदी के कारण, बच्चों को भी भुखमरी की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, खासकर उत्तरी गाजा में, जहां वे दिन में औसतन एक बार भोजन करते हैं। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों में स्वच्छ पेयजल की कमी, भीड़भाड़ की स्थिति और स्वच्छता की कमी के कारण संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे बच्चे विशेष रूप से असुरक्षित हैं।