इसरो ने अंतरिक्ष में अपने दो सैटेलाइट्स की कामयाब डॉकिंग कर दी है। इस स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट की सफलता ने स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत को अमरीका,रूस और चीन के साथ बराबरी दिला दी है।
इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा सफल डॉकिंग प्रक्रिया के तहत Spadex मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ने का चौथा प्रयास किया गया, जो सफल रहा। टीम ने पूरी जानकारी का विश्लेषण किया और इस मिशन की सफलता की पुष्टि की।
इसरो की इस उपलब्धि के साथ अब भारत भी अमरीका, रूस और चीन के बाद उपग्रह डॉकिंग क्षमता प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बन गया है।
भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसरो द्वारा 12 जनवरी को एक परीक्षण के बाद उपग्रहों को 3 मीटर की दूरी तक लाने के बाद आगे के विश्लेषण के लिए उन्हें सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया था। परीक्षणों के विभिन्न दौर से गुजरने के बाद आज यह उपलब्धि हासिल हुई। बताते चलें कि इससे पहले 7 और 9 जनवरी को तकनीकी कारणों से इसे टालना पड़ा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसरो के वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को सैटेलाइट्स के डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
इसरो द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दो उपग्रहों को जोड़ने के बाद, दोनों को एक ही वस्तु के रूप में नियंत्रित करने में सफलता मिली है। आने वाले दिनों में उपग्रहों को अलग करने के अलावा बिजली हस्तांतरण की जांच की जाएगी।
डॉकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे दो गाड़ियों को आपस में जोड़ने जैसी व्यवस्था की जाती है। इसी पैटर्न पर अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ा गया है। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति के कारण इसे बेहद जटिल प्रक्रिया माना जाता है।