श्रीहरिकोटा : इसरो ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 7 देशों के 104 सैटलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रच दिया है। अब भारत के नाम एक बार में सबसे ज्यादा सैटलाइट को लॉन्च करने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। Isro
इससे पहले भी इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल कर चुका है, लेकिन यह पहली बार है जब भारत ने एक रॉकेट के जरिए इतने सारे सैटलाइट्स लॉन्च किए हैं।
अब तक रूस के नाम एक बार में 37 सैटलाइट्स अंतरिक्ष में भेजने का रिकॉर्ड था।
इससे पहले जून 2016 में इसरो ने 20 सैटलाइट्स लॉन्च किए थे, लेकिन अमेरिका और रूस ने वह रिकॉर्ड कई बार तोड़ दिया था।
इस बार भी इसरो ने पीएसएलवी के शक्तिशाली एक्स-एल वर्जन के रॉकेट का यूज किया था, जो मंगलयान और चंद्रयान मिशन में भी इस्तेमाल हुआ था।
एेसा हुआ प्रक्षेपण: सबसे पहले पीएसएलवी-सी37 रॉकेट ने भारत के कार्टोसेट-2 सीरीज के सैटलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित किया, जिससे भारतीय भूभाग की हाई रेजोल्यूशन इमेज हासिल करने में मदद मिलेगी।
इसके बाद 103 सहयोगी उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में प्रविष्ट कराया गया, जिनका अंतरिक्ष में कुल वजन 664 किलोग्राम है।
हालांकि इतने वजनी हालात में इतनी सटीकता से लॉन्च आसान नहीं था, लेकिन सैटेलाइट एक दूसरे से टकराए नहीं, इसकी महारथ इसरो अपने पिछले प्रक्षेपणों के दौरान हासिल कर चुका है। 27 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार महज 600 सेकंड के भीतर सभी 101 सैटेलाइट लॉन्च किए गए।
रॉकेट की खासियत: पीएसएलवी रॉकेट की यह 39वीं उड़ान है। इसका वजन 320 टन और ऊंचाई 44.2 मीटर है। इसमें इसरो के 2 नैनो सैटलाइट भी भेजे गए। यह रॉकेट 15 मंजिल इमारत जितना ऊंचा है। प्रक्षेपित किए जाने वाले सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 1378 किलोग्राम है।
इन देशों के रॉकेट जाएंगे स्पेस में : अमेरिका के 96 सैटलाइट्स, जिसमें सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी प्लेनेट के 88 छोटे सैटलाइट्स हैं। इसके अलावा इस्राइल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और यूएई के छोटे सैटलाइट्स स्पेस में भेजे गए।
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