इसरो ने रविवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया।
स्क्रैमजेट इंजन का प्रयोग केवल रॉकेट के वायुमंडलीय चरण के दौरान ही होता है। यह ईंधन के साथ प्रयोग होने वाले ऑक्सीडाइजर की मात्रा को घटा कर प्रक्षेपण लागत को कम करने में मददगार है
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘यह मिशन सफल रहा। इस दौरान दो स्क्रैमजेट इंजनों का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण को लेकर अंतिम जानकारी बाद में साझा की जाएगी।’’
उन्होंने बताया कि तय समयानुसार दो स्टेज/इंजन आरएच-56 साउंडिंग रॉकेट ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से उड़ान भरी। इन इंजनों का सिर्फ छह सेकंड के लिए ही परीक्षण किया गया।
इससे पहले एसडीएससी के निदेशक पी कुन्ही कृष्णन ने शनिवार को बताया कि 28 अगस्त को प्रक्षेपित होने वाले भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एमके द्वितीय) के साथ मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर का प्रक्षेपण आठ सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इस बदलाव के बारे में जब कृष्णन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षणों के दौरान उपग्रह घटक के साथ एक तकनीकी समस्या पाई गई थी। इसे ठीक कर दिया गया है और इसलिए प्रक्षेपण की तारीख को आगे बढ़ाया गया।’’
उन्होंने कहा कि जीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर का प्रक्षेपण किया जाएगा और वह पूरी तरह से तैयार है। इसका क्रियान्वयन तीन-चार दिनों में शुरू हो जाएगा।