इंस्टैंट मैसेजिंग एप्लीकेशन व्हाट्सएप ने आरोप लगाया है कि इजराइली स्पाइवेयर कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस ने व्हाट्सएप का उपयोग करने वाले लगभग 90 पत्रकारों और नागरिक समाज के सदस्यों को निशाना बनाया है।
शुक्रवार को व्हाट्सएप के एक अधिकारी ने कहा कि हैकिंग के बाद मेटा की सहायक कंपनी ने पैरागॉन सॉल्यूशंस को एक रोक और निषेध पत्र भेजा था। जानकारी के मुताबिक़ इस कानूनी आदेश में किसी कार्य से परहेज करने के लिए कहा गया था।
एक बयान में व्हाट्सएप ने कहा कि कंपनी लोगों की निजी तौर पर संवाद करने की क्षमता की रक्षा करने का प्रयास जारी रखेगी। दूसरी ओर, पैरागॉन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
मेटा के व्हाट्सएप का कहना है कि स्पाईवेयर कंपनी पैरागॉन ने दो दर्जन देशों मेंयूज़र्स को निशाना बनाया। इसमें 90 यूज़र्स को निशाना बनाने वाले हैक का खुलासा हुआ है।
एडवोकेसी ग्रुप एक्सेस नाउ की वरिष्ठ तकनीकी-कानूनी सलाहकार नतालिया क्रैपीवा ने कहा कि पैरागॉन की प्रतिष्ठा एक बेहतर स्पाइवेयर कंपनी होने की है, “लेकिन व्हाट्सएप के हालिया खुलासे इसके विपरीत संकेत देते हैं।”
रॉयटर्स को दी गई जानकारी में व्हाट्सएप के एक अधिकारी ने बताया कि प्लेटफॉर्म ने लगभग 90 उपयोगकर्ताओं को हैक करने के प्रयास की पहचान की है। अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि विशेष रूप से किसे निशाना बनाया गया था। लेकिन उन्होंने कहा कि जिन लोगों को निशाना बनाया गया, वे दो दर्जन से अधिक देशों में स्थित थे।
उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को दुर्भावनापूर्ण इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ भेजे गए थे, जिनके लिए उनके लक्ष्यों से समझौता करने के लिए किसी उपयोगकर्ता की सहभागिता की आवश्यकता नहीं थी, एक तथाकथित शून्य-क्लिक हैक जिसे विशेष रूप से गुप्त माना जाता है।
हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि विशेष रूप से किसे निशाना बनाया गया था या वे किस क्षेत्र से थे। लेकिन कंपनी ने बताया कि लक्षित व्यक्ति मीडिया और नागरिक समाज से थे।
बताते चलें कि पैरागॉन जैसे स्पाइवेयर व्यापारी, सरकारी ग्राहकों को उच्च स्तरीय निगरानी सॉफ्टवेयर बेचते हैं और आमतौर पर अपनी सेवाओं को अपराध से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताते हैं।