संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गाजा अस्पतालों पर इजरायली हमलों के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली हमलों ने गाजा पट्टी में हेल्थ सिस्टम को बुरी तरह तबाह कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट में, इजरायल के अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुपालन को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर से जून महीने की अवधि में कम से कम 27 अस्पतालों और 12 अन्य मेडिकल केन्द्रों पर क़रीब 136 हमले किए गए। इनमे डॉक्टर, नर्स, अन्य चिकित्साकर्मी व आम लोग हताहत हुए हैं और बड़े पैमाने पर क्षति पहुँची है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, ग़ाज़ा पट्टी में अस्पतालों और उसके नज़दीक स्थित इलाक़ों पर इसरायली हमलों के कारण स्वास्थ्य सेवाएँ ध्वस्त होने के कगार पर हैं। मानवीय संकट और युद्ध से जूझ आम फ़लस्तीनियों के लिए ज़रूरी मेडिकल देखभाल पर विनाशकारी असर हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से इजरायली हमलों के कारण फिलिस्तीनियों को चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 के बाद से जून 2024 के अन्त तक करीब 500 से अधिक मेडिकल कर्मचारियों की ग़ाज़ा में जान जा चुकी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक मरीजों और घायलों की मौजूदगी में जानबूझकर अस्पतालों को निशाना बनाना एक युद्ध अपराध है।स्वास्थ्य प्रणाली का विनाश, रोगियों, चिकित्सा कर्मचारियों और नागरिकों का नरसंहार अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के उल्लंघन के सभी मामलों के लिए जवाबदेही तय की जानी होगी। साथ ही भविष्य में पुनर्बहाली व पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए मेडिकल क्षमता को बहाल करना प्राथमिकता बनाना होगा। पिछले 14 महीनों के दौरान, यह काफ़ी हद तक तबाह हो चुकी है।