गाजा: इजराइल की कब्जे वाली सेना अब गाजा में फिलिस्तीनियों को ख़त्म करने के बाद लूट का बाजार भी गर्म किये हुए है।
मानवाधिकार संगठन यूरो-मेडिटेरेनियन ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि गाजा में इजरायली सैनिकों ने लोगों के निजी सामान चुराने के लिए मनमानी की और जबरन गिरफ्तारियां कीं। इसके अलावा इन फौजियों ने जानबूझकर फिलिस्तीनी संपत्ति को नष्ट कर दिया।
Not Gaza, but the occupied West Bank, where Israeli forces are accused of looting $2.5m from bureaux de change.
‘Unparalleled’: Israeli army raids Ramallah, more occupied West Bank cities | Israel-Palestine conflict News | Al Jazeera https://t.co/VakZmv1mli— Mark Blacklock 马克·布拉克洛克 (@MarxMedia) December 28, 2023
संगठन के मुताबिक, इजरायली सेना ने योजनाबद्ध तरीके से फिलिस्तीनियों का सोना, नकदी समेत डॉलर, मोबाइल फोन और लैपटॉप लूटे।
दूसरी तरफ गाजा में फिलिस्तीनियों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार इजराइल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक बयान में कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में इजरायली अत्याचारों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है।
यूरो-मेडिटेरेनियन ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वेटरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दस्तावेजी सबूतों पर आधारित प्रारंभिक अनुमान फिलिस्तीनी नागरिकों के निजी सामानों की चोरी और इजरायली सेना द्वारा मूल्यवान संपत्ति की बड़े पैमाने पर लूटपाट का संकेत देते हैं। इस लूट से प्राप्त आय करोड़ों डॉलर से अधिक हो सकती है।
इज़रायली सैनिकों ने जानबूझकर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वीडियो क्लिप प्रकाशित किए जिसमें गाजा पट्टी में नागरिक घरों को नष्ट करना और दीवारों पर नस्लवादी या यहूदी विरोधी नारे चित्रित करना दिखाया गया था। इज़रायली सैनिकों ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बेशर्मी से पैसे चुराने और संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की बात स्वीकार की है।
वहीँ गाजा में इजरायली अत्याचारों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में आवेदन याचिका में उन्होंने गाजा में इजरायल की आक्रामकता को नरसंहार बताते हुए कहा कि इजरायल का उद्देश्य फिलिस्तीनी राष्ट्र और नस्ल को नष्ट करना है।
https://twitter.com/PresidencyZA/status/1740798458481803433
गौरतलब है कि कई मानवाधिकार संगठन पहले ही कह चुके हैं कि फिलिस्तीनियों के प्रति इजरायल की नीतियां नस्लवाद के समान हैं। बताते चलें कि 7 अक्टूबर से अब तक गाजा में इजरायली बमबारी से 21,500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।