अमरीकी शोधकर्ताओं ने पाया है कि अनियमित नींद पैटर्न वाले मध्यम आयु वर्ग से लेकर वृद्ध वयस्कों में उन लोगों की तुलना में मधुमेह का खतरा अधिक होता है, जो नियमित नींद पैटर्न फॉलो करते हैं।
डायबिटीज़ केयर जर्नल में प्रकाशित निष्कर्ष, मधुमेह को रोकने में नियमित नींद के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। नए शोध से पता चलता है कि नियमित नींद लेने से टाइप 2 डायबिटीज़ को रोकने में मदद मिल सकती है।
सबसे अनियमित नींद वाले वृद्धों में, सबसे नियमित नींद वालों की तुलना में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का जोखिम 34% अधिक पाया गया।
ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल (Brigham and Women’s Hospital) की एक शोध टीम के नेतृत्व में एक अध्ययन आयोजित किया गया जिसमें 7 रातों में नींद के पैटर्न का विश्लेषण किया गया। इसके बाद फिर सात वर्षों से अधिक समय तक प्रतिभागियों का अनुसरण किया।
शोध में सबसे अनियमित नींद वाले वृद्धों में, सबसे नियमित नींद वाले लोगों की तुलना में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का जोखिम 34% अधिक पाया गया।
जिन रोगियों की नींद में हर रात 30 मिनट या उससे कम का अंतर हुआ, उनकी तुलना में मधुमेह विकसित होने का जोखिम इस प्रकार बढ़ता पाया गया-
जिनकी नींद में 31 से 45 मिनट का अंतर होता है, उनमें 15%
जिनकी नींद में 46 से 60 मिनट का अंतर होता है, उनमें 28%
शोधकर्ताओं ने पाया कि अनियमित नींद की अवधि मधुमेह के बढ़ते खतरे से जुड़ी थी। उन्होंनेअपनी जानकारी में खुलासा किया कि सबसे अनियमित पैटर्न वाले लोगों में मधुमेह का खतरा भी सबसे अधिक यानी 34 प्रतिशत पाया गया।