ईरान में हिरासत में होने वाली की मौत के खिलाफ बीते ढाई महीने से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच यहाँ की गश्त इरशाद नामक नैतिक पुलिस को भंग कर दिया गया था।
ईरानी अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी के अनुसार, नैतिक पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में यहाँ की नैतिक पुलिस को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ईरानी न्यायपालिका और संसद भी महिलाओं के सिर ढकने के कानून में संभावित बदलावों पर काम कर रही है।
नैतिकता पुलिस या जिसे ईरान में गश्त-ए इरशाद कहते हैं, असल में एक Patrolling टुकड़ी है. जो महिलाओं को 'विनम्रता' सिखाने और हिजाब की संस्कृति का प्रसार करने का काम करती थी. 2006 में यूनिट ने गश्त शुरू की थी. अब इसे भंग कर दिया गया है. #Iran #MoralityPolice https://t.co/EoAIlrhS1J
— The Lallantop (@TheLallantop) December 4, 2022
नैतिक पुलिस 2006 में पूर्व ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद के शासन के दौरान बनाई गई थी। इस साल सितंबर में उक्त नैतिक पुलिस ने 22 वर्षीय महसा अमिनी को अपना सिर नहीं ढकने के कारण हिरासत में लिया था।
मेहसा अमिनी की हिरासत में कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से 16 सितंबर को मौत हो गई थी, जिनकी मौत ने 17 सितंबर से ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।