नई दिल्ली। ईरान ने चाबहार बंदरगाह के एक भाग के संचालन का अधिकार भारत को सौंपने सहित आपसी सहयोग के नौ समझौतों पर आज हस्ताक्षर किए और सूफीवाद की शांति एवं सहिष्णुता की साझी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए आतंकवाद और कट्टरवाद फैलाने वाली ताकतों को रोकने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच आज यहां हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत में दोनों पक्षों ने ये प्रतिबद्धता व्यक्त की।
दोनों देशों ने जिन दस्तावेजों पर आज हस्ताक्षर किए उनमें दोहरे कराधान एवं राजस्व चोरी से बचने, प्रत्यर्पण संधि के क्रियान्वयन का दस्तावेज, पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, कृषि एवं संबंधित क्षेत्र, डाक क्षेत्र में सहयोग तथा राजनयिक पासपोर्ट धारकों को वीजा लेने से छूट के अलावा चाबहार परियोजना के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के पट्टे को भारत को देने का करार शामिल है
जिसमें भारत को 18 माह तक इस बंदरगाह की संचालन का अंतरिम अधिकार दिया गया है। इसके अलावा चार करार दोनों देशों के वाणिज्यिक संगठनों के बीच किए गये।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार बैठक में कनेक्टिविटी, ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश, लोगों के बीच संपर्क, सभ्यता एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान, आतंकवाद और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई।