भारत की पहली महिला जासूस के नाम से जानी जाने वाली रजनी पंडित को ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रजनी पर गैरकानूनी तरीके से कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) हासिल करने का आरोप है.
रजनी उस चार लोगों के समूह का हिस्सा बताई जा रही हैं जो कि देश भर में अवैध रूप से सोर्सिंग और सीडीआर बेच रहा था. रजनी के साथ तीन और जासूसों को भी गिरफ्तार किया गया है.
कौन है रजनी पंडित
54 वर्षीय रजनी एक पुलिस अधिकारी की बेटी हैं. रजनी ने मुंबई में मराठी लिटरेचर की पढ़ाई की है. रजनी 1991 से ही जासूसी का काम कर रही हैं. रजनी की टीम में 20 लोग बताए जाते हैं, एक दावे के मुताबिक वो अभी तक 75,000 केस सॉल्व कर चुकी हैं, जिसके लिए उन्हें 57 अवार्ड भी मिल चुके हैं.
कैसे आई गिरफ्त में
पुलिस ने पहले समरेश झा नाम के एक जासूस को गिरफ्तार किया था और उसी से लीड मिलने के बाद रजनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. समरेश ने ही पुलिस को बताया कि गैरकानूनी तरीके से लोगों की कॉल डीटेल्स रिकॉर्ड करके बेचने का बिजनेस कर रही है.
पुलिस के मुताबिक इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रजनी ने करीब 5 लोगों के सीडीआर मांगे और खरीदे थे. ठाणे पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह ने बताया, ‘ रजनी पंडित की भूमिका इस रैकेट में स्पष्ट रूप से सामने आई है. जो लोग घोटाले में शामिल हैं, देश के किसी भी कोने में छिपे हों बख्शे नहीं जाएंगे.’
रजनी के दो साथी भी गिरफ्त में
पुलिस ने दो अन्य जासूसों संतोष पंडगले (34) और प्रशांत सोनावाणे (34) को भी नवी मुंबई से गिरफ्तार किया है. ये दोनों भी रजनी के साथ मलकर कॉल डीटेल्स बेचने का काम कर रहे थे. छानबीन में दिल्ली के भी एक आदमी का नाम सामने आया है और उसके खिलाफ भी जीरो एफआईआर दर्ज कर ली गई है.